उपजेल के अन्य प्रहरियों की भूमिका पर भी संदेह
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विदिशा जिले की गंजबासौदा उप जेल में काली कमाई को सूदखोरी के धंधे में लगाने का मामला सामने आने के बाद जेल प्रहरी रामबाबू शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें भोपाल स्थित जेल मुख्यालय में अटैच किया गया है। इस मामले में सहायक जेल अधीक्षक आलोक भार्गव और अन्य जेल प्रहरियों की भूमिका की भी जांच मुख्यालय स्तर पर की जाएगी।
दैनिक भास्कर ने 19 जनवरी को इस मामले का खुलासा किया था। इसके बाद हरकत में आए जेल विभाग के आला अधिकारियों ने पूरे मामले को संज्ञान में लेकर यह कार्रवाई की है। गंजबासौदा उप जेल भोपाल केंद्रीय जेल के तहत आती है। लिहाजा, डीजी जेल जीपी सिंह के निर्देश पर भोपाल केंद्रीय जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने रामबाबू शर्मा को निलंबित करने का आदेश जारी किया।
जेल प्रहरी सस्पेंड, जांच के घेरे में सहायक …. जेल विभाग के अफसरों के मुताबिक, गंजबासौदा उप जेल के सहायक अधीक्षक आलोक भार्गव के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करवाई जाएगी। जल्द ही जांच टीम उप जेल का दौरा करेगी।
ऐसे चल रहा था जेल से सूदखोरी का खेल : जेल प्रहरी रामबाबू शर्मा ने अंकित दुबे को सूदखोरी के धंधे के लिए नकद और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए 63 लाख रुपए दिए थे। अंकित ने 83.62 लाख रुपए लौटा दिए, फिर भी रामबाबू उससे 50 लाख की मांग कर रहा था।
अंकित का कहना है कि इसमें सहायक जेल अधीक्षक आलोक भार्गव का भी रुपया शामिल था, और भार्गव की पत्नी के नाम से डेढ़ लाख रुपए का चेक दिया गया था। रामबाबू और अन्य अधिकारियों ने उसे जेल में डालने की धमकी दी थी। अंकित ने इन पैसों का हिसाब भी दिया है।
फरियादी के गंजबासौदा थाने में दर्ज हुए बयान
- जेल में चल रहे सूदखोरी के धंधे का खुलासा होने के बाद गंजबासौदा पुलिस भी सक्रिय हो गई है। रविवार को देहात थाने में फरियादी और व्यापारी अंकित दुबे के बयान दर्ज किए गए।
- अंकित ने बताया कि जेल प्रहरी रामबाबू शर्मा द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण उसने 30 दिसंबर को आत्महत्या करने के लिए जहर खा लिया था।
- 2 जनवरी को उसने रामबाबू शर्मा और जेल के अन्य अफसरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया था। हालांकि, रामबाबू शर्मा ने पहले ही थाने में बयान दर्ज करवा दिए थे।