शहीद ज्योति को वीरांगना की समाधि पर स्थापित करते हुए
झांसी से ग्वालियर पहुंची शहीद ज्योति यात्रा में मंगलवार शाम को शहर के हजारों लोग शामिल हुए। ग्वालियर की सड़कों पर वीरांगना की शहादत के सम्मान में लोग उमड़ पड़े। नगर आगमन पर शहीद ज्योति यात्रा का भव्य स्वागत किया है।
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शहर के फूलबाग चौराहा से जुलूस यात्रा वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि तक पहुंची। वीरांगना बलिदान मेला के संस्थापक व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया खुद अपने हाथों में शहीद ज्योति मशाल को थामकर समाधि स्थल तक पहुंचे थे।
शहीद ज्योति यात्रा में सबसे आगे छोटी-छोटी बालिकाएं वीरांगना की छवि धारण कर अश्वों पर सवार होकर चल रही थीं। पहली बार वीरांगना बाइक रैली भी देखने को मिली। महिलाएं शहीद ज्योति के आगे बाइक रैली निकाल रही थी।
आखिर में संस्थापक पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने अमर ज्योति को वीरांगना की समाधि पर स्थापित किया। इसी के साथ दो दिवसीय वीरांगना बलिदान मेला का शुभारंभ हो गया है। कार्यक्रम के दूसरे दिन 18 जून को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मुख्य समारोह में शामिल होंगे।
अश्व पर सवार बालिका वीरांगना का रूप धारण कर चलते नजर आईं
झांसी से शहीद ज्योति यात्रा ग्वालियर पहुंची झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान की 167वीं वर्षगांठ पर लक्ष्मीबाई समाधि स्थल पर दो दिवसीय बलिदान मेला लगाया है। बलिदान मेला के लिए सोमवार को समाधि स्थल पर भूमि पूजन किया था।
मंगलवार को बलिदान मेला के पहले दिन वीरांगना की कर्म स्थली झांसी से शहीद ज्योति यात्रा ग्वालियर पहुंची। शहीद ज्योति यात्रा मंगलवार शाम 7.00 बजे ग्वालियर पहुंची है। यहां बलिदान मेला के संस्थापक अध्यक्ष व पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने शहीद ज्योति यात्रा का स्वागत किया।
साथ में सभापति मनोज तोमर भी रहे। इसके बाद उन्होंने खुद शहीद ज्योति मशाल को धारण किया और जुलूस के रूप में वीरांगना की समाधि स्थल पर पहुंचे हैं।
वीरांगना के रूप में नजर आईं बालिकाएं जब शहीद ज्योति यात्रा शहर की सड़कों से निकल रही थी तो वहां हजारों लोग यात्रा के स्वागत में खड़े थे। छोटी-छोटी बालिकाएं वीरांगना के रूप में हाथों में तलवार धारण कर अश्वों पर सवार होकर साथ चल रही थीं। बालिकाओं के रूप में साक्षात वीरांगना लक्ष्मीबाई के दर्शन हो रहे थे। इसके साथ ही वीरांगना की झांकियां भी आकर्षण का केंद्र रही हैं।
बुधवार को सीएम आएंगे, महानाट्य का होगा मंचन बलिदान मेला के संस्थापक जयभान सिंह पवैया ने बताया कि सन 2000 में स्थापित बलिदान मेला का यह 26वां वर्ष है। मेला का प्रमुख समारोह 18 जून को शाम 7 बजे होगा। बुधवार शाम 7:00 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में महानाट्य व क्रांतिवीर तथा शहीद परिजन सम्मान के साथ ग्वालियर की अंडर 19 नेशनल प्लेयर वैष्णवी शर्मा के सम्मानोपरांत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन होगा।
जिसमें प्रख्यात कवि पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, अरुण जेमिनी, विनीत चौहान, सुरेश अलबेला, भुवन मोहिनी, शशिकांत यादव, योगेंद्र शर्मा, गौरव चौहान व दिनेश देशी घी का काव्यपाठ होगा। 18 जून शाम को ही महानाट्य “खूब लड़ी मर्दानी’ का मंचन होगा। इसमें 200 पात्र व सजीव घोड़ों पर युद्ध का प्रदर्शन किया जाएगा।
पहली बार शहीद ज्योति यात्रा के आगे वीरांगना बाइक रैली भी नजर आई
शहीद दुर्गासिंह के प्रपोत्र को मिलेगा क्रांतिकारी वंशज सम्मान बलिदान मेला में शहीद मंगल पांडे के साथी शहीद दुर्गासिंह (प्रथम) के प्रपोत्र को क्रांतिकारी वंशज सम्मान दिया जाएगा। साथ ही शौर्य चक्र से सम्मानित चंबल के शहीद विवेक तोमर की धर्मपत्नी को शहीद परिजन सम्मान दिया जाएगा।
पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने बताया
स्वराज संस्थान ने भारत की प्रख्यात शिक्षाविद् पीठ की इंदुमति ताई काटदरे को लक्ष्मीबाई सम्मान मेला के मंच पर प्रदान करने का निर्णय किया है। सम्मान समारोह के विशेष अतिथि प्रदेश के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी व अध्यक्षता दंदरौआ सरकार महामंडलेश्वर रामदास महाराज करेंगे।
बलिदान मेला के पहले दिन यह हुआ बलिदान मेले में पहले दिन 17 जून शाम को झांसी दुर्ग से आई ‘शहीद ज्योति यात्रा’ की फूलबाग चौराहे पर भव्य आगवानी की गई व अल्टीमेट वॉरियर राइडर्स क्लब की साहसी महिलाओं की अगुवाई में, सजीव घुड़सवार झांकियों के साथ पैदल शोभा यात्रा के रूप में समाधि तक ले जाया गया। साथ ही समाधि स्थल पर शहीद ज्योति स्थापित की गई है।
इस अवसर पर सामाजिक संस्थाओं द्वारा समाधि पर 1008 दीप-दान द्वारा श्रद्धांजलि समर्पित की गई। रात 8 बजे स्वराज संस्थान व नगर निगम द्वारा सज्जित रानी व तात्या टोपे के मौलिक शस्त्रों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया है।