राजधानी के निजी अस्पताल में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत चार लोगों से 45.53 लाख की ठगी हो गई। इंजीनियर ने पड़ोस में रहने वाली एलआईसी एजेंट से अपने परिवार के 13 सदस्यों का बीमा कराया। 13 साल तक बीमा की किस्त जमा करते रहे। उन्हें हर बार रसीद भ
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इस साल इनकम टैक्स में छूट के लिए एलआईसी की रसीद जमा की तो फर्जी होने का पता चला। एजेंट से संपर्क करने पर वह गुमराह करने लगा। एलआईसी दफ्तर में पॉलिसी की जांच कराई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। उन्होंंने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने मां-बेट के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि शांति नगर निवासी जतिन चौधरी (43) निजी अस्पताल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
उनकी पड़ोस में शरनजीत कौर अपने बेटे बलवीर सिंह के साथ रहती हैं। 2013 में उन्होंने शरनजीत से एलआईसी की पॉलिसी ली थी। हर माह समय पर उन्हें पॉलिसी की किस्त दे रहे हैं। तीन साल में जतिन से 5 लाख 75 हजार रुपए ले चुके हैं।
घर के 13 सदस्यों का कराया बीमा : जतिन ने बताया कि उन्होंने घर के 13 सदस्यों के नाम से पॉलिसी ली थी। इसमें जीवन सरल पॉलिसी, बीमा गोल्ड पॉलिसी, जीवन छाया पॉलिसी, मनी बैक पॉलिसी, जीवन रक्षक पॉलिसी, पत्नी के नाम पर आधारशिला पॉलिसी, बच्चों के नाम पर जीवन तरुण पॉलिसी खरीदी थी। पिछले साल शरनजीत के कहने पर उनके बेटे बलवीर को 2 लाख 81 हजार रुपए कैश और ऑनलाइन दिए थे। इसकी भी रसीद है।
इनसे भी हुई ठगी : पुलिस ने बताया कि कारोबारी नीतेश वर्मा को दोगुना मुनाफे का झांसा देकर 4.96 लाख , जगमोहन सिंह नागपाल से 5.93 लाख और भूषण झोडे से 28.88 लाख की ठगी हुई है। आरोपी मां-बेटे कह रहे हैं कि पूरे पैसे खर्च हो चुके हैं। पुलिस ने आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है।