दरभंगा में कोरोना के बढ़ते असर को देखते हुए डीएमसीएच में 50 बेड का कोरोना वार्ड तैयार किया गया है। वार्ड में स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। मरीज आने पर इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने कोविड को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके बाद डी
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वार्ड में गार्ड रंजीत रावत ने बताया कि मेरी ड्यूटी कोरोना वार्ड में लगी है। कोई मरीज न आए, सब स्वस्थ रहें। कर्मी भोलू देवी ने बताया कि आज ही वार्ड तैयार हुआ है। बेड लगाए गए हैं। पंखे लगे हैं। सफाई हो चुकी है। कोरोना का नाम सुनते ही डर लगने लगता है। पिछली बार की स्थिति बहुत खराब थी। एक दिन में 20-20 लोगों की मौत हो रही थी। डॉक्टर पीपीई किट पहनकर ऑपरेशन करते थे। स्वास्थ्यकर्मी घर नहीं जाते थे। बाहर सोते थे। बर्तन तक अलग रखते थे।
कोरोना वार्ड तैयार।
वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध
डीएमसीएच की अधीक्षक शीला कुमारी ने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। सतर्क रहना जरूरी है। पुराने गायनिक वार्ड को कोरोना वार्ड में बदला गया है। रजिस्ट्रेशन काउंटर, फ्लू काउंटर, रैपिड एंटीजन टेस्ट काउंटर, चेंजिंग रूम और डॉक्टर का कक्ष बनाया गया है। सभी 50 बेड पर ऑक्सीजन सप्लाई और मॉनिटर की सुविधा है। सफाई की पूरी व्यवस्था की गई है।
कोरोना आईसीयू के लिए 8 बेड का अलग वार्ड चिह्नित है। वेंटिलेटर की सुविधा है। आईसीयू पूरी तरह से तैयार है। नोडल अफसर डॉ. अमित कुमार झा को बनाया गया है। आईसीयू के लिए एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. भुवनेश्वर कुमार और माइक्रोबायोलॉजिस्ट को जिम्मेदारी दी गई है। डिप्टी सुपरिंटेंडेंट को भी नोडल अधिकारी बनाया गया है।
डीएमसीएच अधीक्षक शीला कुमारी।
डीएमसीएच में अब तक कोई कोरोना मरीज नहीं आया
अगर कोई मरीज आता है तो पहले उसे फ्लू काउंटर भेजा जाएगा। वहां रजिस्ट्रेशन और रैपिड एंटीजन टेस्ट होगा। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर आरटी-पीसीआर जांच के लिए भेजा जाएगा। जरूरत पड़ने पर मरीज को कोरोना वार्ड में भर्ती किया जाएगा। इलाज उसी के अनुसार किया जाएगा।
अधीक्षक ने कहा कि कोरोना कभी गया नहीं था। पहले वायरस की ताकत ज्यादा थी। अब उसका असर कम है। केवल आइसोलेशन की जरूरत है। सर्दी, खांसी, फ्लू जैसे लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। डीएमसीएच में अब तक कोई कोरोना मरीज नहीं आया है।