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डॉ. धर्मवीर भारती जन्मशती महोत्सव में साहित्यिक स्मृतियों का संगम: राज्य सूचना आयुक्त वीरेंद्र वत्स की पुस्तक तू जीत के लिए बना का लोकॉर्पण – Lucknow News


वाणी प्रकाशन द्वारा आयोजित डॉक्टर धर्मवीर भारती जन्मशती महोत्सव में साहित्य और कला की बेमिसाल झलक देखने को मिली। इस भव्य आयोजन में गुरुवार को प्रख्यात राष्ट्रवादी कवि-गीतकार और उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त वीरेन्द्र वत्स के तीसरे काव्य संग्रह ‘

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पुस्तक का लोकॉर्पण करते अतिथि

काव्य संग्रह ‘तू जीत के लिए बना’ की झलक वाणी प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित इस काव्य संग्रह में देश और समाज पर केंद्रित कविताओं और ग़ज़लों का संग्रह है। ये रचनाएं पाठकों के दिलों को छूने के साथ-साथ उनके मन-मस्तिष्क को झकझोरती हैं और समस्याओं का समाधान तलाशने की प्रेरणा देती हैं।

लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान मंच पर प्रख्यात कवि-चिंतक बोधिसत्व, कथाकार-पटकथा लेखक अतुल तिवारी, ग़ज़लकार राजेश रेड्डी, वाणी प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अरुण माहेश्वरी, निदेशक अदिति माहेश्वरी और कवि विष्णु शर्मा उपस्थित रहे। मंच का संचालन अलका अग्रवाल ने किया।

डॉ. धर्मवीर भारती से जुड़ीं स्मृतियां और रचनाएं कार्यक्रम की विशेष उपलब्धि यह रही कि डॉ. धर्मवीर भारती की वयोवृद्ध पत्नी पुष्पा भारती, अस्वस्थता के बावजूद समारोह में उपस्थित हुईं। उन्होंने भारती की उन प्रेमपूर्ण कविताओं का पाठ किया जो उनके जन्मदिन पर लिखी गई थीं।

फ़िल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी और अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने डॉ. धर्मवीर भारती के प्रसिद्ध उपन्यास ‘गुनाहों का देवता’ के अंशों का पाठ किया। इन भावुक पाठों ने दर्शकों को भारती की अद्वितीय लेखनी से फिर से जोड़ दिया।

अन्य पुस्तकों का लोकार्पण इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में कई साहित्यिक कृतियों का भी विमोचन किया गया। इनमें प्रख्यात कथाकार सूर्यबाला की पुस्तक ‘यादों के शिलालेख’, गीतकार समीर अनजान की पुस्तक ‘लफ़्ज़ों के साथ एक सफरनामा’, अम्बर पाण्डेय की ‘मतलब हिन्दू’ और अलका अग्रवाल की मीरा कूल शामिल थीं।

समारोह में पद्मश्री शोमा घोष, गीतकार-अभिनेता पीयूष मिश्रा, कथाकार असगर वजाहत, अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी और गायिका इला अरुण जैसी प्रमुख हस्तियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को और अधिक गरिमामय बना दिया।

डॉ. धर्मवीर भारती के प्रति श्रद्धांजलि यह आयोजन डॉ. धर्मवीर भारती की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को स्मरण करते हुए उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में आयोजित किया गया। महोत्सव ने साहित्य, कला और संस्कृति के संगम का एक यादगार अनुभव प्रदान किया।



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