नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले
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विवादित बयान सामने आने के बाद DMK ने मंत्री पोनमुडी को पार्टी उपमहासचिव पद से हटा दिया गया।
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के वन मंत्री के पोनमुडी से शैव, वैष्णव और सामान्य रूप से महिलाओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अश्लील कमेंट करने पर सवाल किया। कोर्ट ने यह जानना चाहा कि तमिलनाडु पुलिस ने उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की है।
हाईकोर्ट पोनमुडी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी किए जाने के खिलाफ 2023 में ली गई रिव्यू पिटीशन की सुनवाई कर रहा था। इसी दौरान जज ने महाधिवक्ता पीएस रमन को बुलाया और पोनमुडी की अश्लील और निंदनीय टिप्पणी पर नाराजगी जताई।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए जज ने कहा कि ऐसा लगता है कि मंत्री ने पूरे होश-ओ-हवाश में ये बातें कही थीं। ऐसा नहीं लगता कि उनकी जुबान फिसली थी जो उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगकर पूरे मामले को दरकिनार कर दिया।
मद्रास हाईकोर्ट ने पुलिस को चेतावनी दी है कि या तो तमिलनाडु के मंत्री पोनमुडी के खिलाफ FIR दर्ज करें या अवमानना का सामना करें। मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
जज बोले- DGP शाम तक बताएं क्या एक्शन लेंगे
जस्टिस वेंकटेश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच पर कड़ी कार्रवाई की है। पोनमुडी को भी एक केस में दोषी पाए जाने पर उनकी सजा, अच्छे आचरण की कुछ शर्तों के आधार पर सस्पेंड कर दी गई थी।
जस्टिस वेंकटेश ने अटॉर्नी जनरल से गुरुवार शाम तक पुलिस महानिदेशक से मंत्री के खिलाफ अब तक उठाए गए कदमों के बारे में बताने कहा है।
वह बयान जिस पर विवाद हुआ…
एक वीडियो में पोनमुडी कहते सुनाई दे रहे हैं- महिलाएं, प्लीज इसे मत समझिएगा। इसके बाद पोनमुडी ने एक मजाकिया लहजे में बात कही। उन्होंने बताया कि एक आदमी सेक्स वर्कर के पास गया। महिला ने आदमी से पूछा कि वह शैव है या वैष्णव।
पोनमुडी ने आगे कहा- वह आदमी नहीं समझा तो महिला ने उससे पूछा कि क्या वह पट्टई (आड़ा तिलक, जो शैव लगाते हैं) लगाता है या नामम (सीधा तिलक, जो वैष्णव लगाते हैं) लगाता है। महिला उसे समझाती है कि अगर आप शैव हैं तो स्थिति लेटी हुई है। अगर वैष्णव हैं तो खड़ी स्थिति हुई।
12 अप्रैल को माफीनामा सामने आया
विवाद बढ़ने के बाद 12 अप्रैल को पोनमुडी का माफीनामा सामने आया। जिसमें उन्होंने कहा- मैं थानथाई पेरियार द्रविड़ कझगम के कार्यक्रम के दौरान कहे गए अनुचित शब्दों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं। मैंने जो अनुचित टिप्पणी की थी, उसके लिए मुझे गहरा दुख हुआ। मुझे खेद है कि मेरे भाषण ने कई लोगों को ठेस पहुंचाई और उनके लिए शर्मनाक स्थिति पैदा की। मैं एक बार फिर उन सभी से दिल से माफी मांगता हूं, जिन्हें मेरे शब्दों से ठेस पहुंची है।
भ्रष्टाचार मामले में सजा मिलने पर मंत्री पद से बर्खास्त हुए थे
इससे पहले पोनमुडी को आय से अधिक संपत्ति से जुड़े एक मामले में सजा के बाद मंत्रिमंडल से हटाया जा चुका है। पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के उनकी सजा पर रोक लगाने के बाद उन्हें फिर से मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया था। हालांकि, हालिया मामले में उन्हें अभी तक मंत्री पद से हटाया नहीं किया गया है।