Homeमध्य प्रदेशतेंदुए के अंगों पर टाइगर की ब्रांडिंग...: तेंदुए के दांत और...

तेंदुए के अंगों पर टाइगर की ब्रांडिंग…: तेंदुए के दांत और मूंछ-पूंछ के बाल बाघ के बताकर बेच रहे शिकारी, तंत्र-मंत्र में होते हैं इस्तेमाल; इस साल 26 का शिकार – Bhopal News


पूरे देश में सबसे ज्यादा तेंदुए होने के कारण मप्र को लेपर्ड स्टेट का दर्जा हासिल है। लेकिन, तेंदुओं की मौत और ​शिकार के आंकड़े परेशान करने वाले हैं। इस साल शुरुआती 10 महीनों में ही 81 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। जबकि पिछले पूरे साल में यह संख्या 60 थी।

.

इन हालात को देखते हुए एसटीएफ वाइल्ड लाइफ मप्र ने प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। इसे लेकर सभी टाइगर रिजर्व को सावधान भी किया गया है। साथ ही एसटीएफ वाइल्ड लाइफ ने राजस्व क्षेत्र, खेत, असंरक्षित वनों में गश्त बढ़ाने और कार्रवाई करने को कहा है।

तांत्रिक क्रिया में इस्तेमाल पिछले आठ माह में शिकारियों को पकड़ने के लिए 80 बार अलग-अलग जगह दी गई दबिश में 100 आरोपियों को पकड़ा गया। आरोपियों से पूछताछ और शिकार करने की वजह का विश्लेषण किया तो पता चला कि 80% तेंदुओं का शिकार तांत्रिक क्रिया और काला जादू के चलते हो रहा है। इनके दांत, बाल आदि को बाघ का बताकर बेचा जा रहा है। ऐसे 16 आरोपियों को कटनी, जबलपुर और डिंडोरी से पकड़ा गया था। जिन्होंने तेंदुए के शरीर के अवयव बाघ का बताकर बेचा।

  • वर्ष 2022 की गणना में मप्र में तेंदुए 3,907
  • भारत में तेंदुए 13,874
  • 287 तेंदुओं की मौत हो चुकी हैं पिछले 5 सालों में

बाघ और तेंदुओं का शिकार रोकने के लिए टीमें सक्रिय हैं। इसके लिए ग्रामीणों और चरवाहों के बीच जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। –शुभरंजन सेन, पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version