उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों ललितपुर, झॉसी, मऊ, आजमगढ़, भदोही, जौनपुर, कौशाम्बी, प्रयागराज, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, आगरा, कानपुर नगर, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, वाराणसी, अलीगढ़, बुलन्दशहर एवं हापुड़ में कार्यरत 2014 बैच के कम्प्यू
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यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी विवेक राज मिश्रा व 84 अन्य द्वारा योजित की गयी याचिका को निस्तारित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम की बहस सुनकर पारित किया।
याचियों की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं अतिप्रिया गौतम ने बहस की। उनका तर्क था कि हाईकोर्ट के पहले के आदेशों और बाद में जारी शासनादेशों के बावजूद विभाग कुछ नहीं कर रहा। प्रशिक्षण अवधि की सेवा को प्रथम प्रोन्नत वेतनमान देने के लिए नहीं जोड़ा जा रहा है। जबकि वे इसके हकदार है।
याचीगणों की नियुक्ति वर्ष 2014 में कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के पद पर हुई थी। तत्पश्चात् याचीगणों को वर्ष 2024 में कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई। सभी याचीगण अपनी सेवायें 10 वर्षों से ज्यादा की पूर्ण कर चुके है, लेकिन उन्हें प्रथम वेतनमान ग्रेड पे 4200/- रूपये नहीं दिया जा रहा है और न ही उनके ट्रेनिंग अवधि को सेवा में जोड़ा गया है। शासनादेश दिनांक 05 नवंबर 2014 में यह व्यवस्था प्रतिपादित की गयी है कि ऐसे राज्य कर्मचारी जिन्होंने सीधी भर्ती के पद पर प्रथम नियुक्ति की तिथि से 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर ली है, उन्हें प्रथम वेतनमान / ग्रेड पे प्रदान किया जायेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम का कहना था कि अपर पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय इलाहाबाद द्वारा जारी सर्कुलर दिनांक 17 मार्च 2012 में यह स्पष्ट उल्लिखित किया गया है कि पुलिस बल के कार्यकारी बल में ग्रेड वेतन 2800/- रूपया एवं ग्रेड वेतन 4800/- के पद उपलब्ध नहीं है, अर्थात उक्त दोनों ग्रेड वेतन नॉन फंक्शनल वेतनमान के है।
सभी याचीगण वर्ष 2014 में कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के पद पर नियुक्ति हुए थे, तत्पश्चात् वर्ष 2024 में कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद पर पदोन्नत हुए एवं सभी की सेवायें 10 वर्ष से ज्यादा की हो चुकी है। अतः पुलिस मुख्यालय के सर्कुलर एवं शासनादेशों के परिप्रेक्ष्य में प्रथम प्रोन्नति वेतनमान कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद का ग्रेड पे 4200 रूपये पाने के वे हकदार है।
याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश कम्प्यूटर स्टॉफ (नॉन गैजेटेड) सेवा नियमावली-2011 के नियम 5 (2) में यह व्यवस्था प्रतिपादित है कि कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के पद पर 6 वर्षों के सेवायें पूर्ण करने के पश्चात् कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-बी के पद पर पदोन्नति प्रदान की जायेगी। याचीगणों की 6 वर्ष की सेवायें वर्ष 2020 में कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-ए के पद पर पूर्ण हो चुकी थी, अतः उक्त नियमावली-2011 के तहत याचीगणों को वर्ष 2020 से ही अगला वेतनमान दिया जाना चाहिये था। याचिका में यह भी कहा गया था कि लाल बाबू शुक्ला के केस में हाईकोर्ट ने यह व्यवस्था प्रतिपादित की है कि पुलिस कर्मियों की प्रशिक्षण अवधि को सेवा में जोड़कर प्रोन्नति वेतनमान दिया जाय। सभी याचीगण उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों के थानों में कार्यरत है एवं इनके द्वारा एफआईआर लेखन, केस डायरी व अन्य अधिकारिक कार्य किये जाते है।