मोतिहारी के राजाबाजार स्थित बापू सभागार में नशामुक्ति जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पटना के प्रसिद्ध शिक्षक खान सर ने छात्रों को संबोधित किया। जहां सामाजिक कार्यकर्ता अनिकेत रंजन ने उनका स्वागत किया। खान सर ने नशे को समाज का सबसे ब
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मोतिहारी का यह कार्यक्रम ऐतिहासिक था, क्योंकि इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में युवा और छात्र-छात्राएं पहुंचे थे। खान सर का स्वागत जेसीवी से फूल बरसाकर किया गया, और उनके आगमन पर ऑडिटोरियम में तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा माहौल गूंज उठा। खान सर ने मंच से अपनी प्रेरणादायक बातें साझा की और युवा पीढ़ी से नशे से दूर रहने की अपील की।
उन्होंने छात्रों से नशे से दूर रहने और नशे की ओर ले जाने वाले दोस्तों से दूरी बनाने की अपील की। उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि माता-पिता अपना इलाज तक नहीं करवाते और बच्चों की पढ़ाई में पैसा लगाते हैं। दहेज प्रथा पर बोलते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि दहेज में मिली बाइक का नंबर प्लेट पिंक कलर हो। इससे लोगों को पता चलेगा कि यह बाइक उसके बाप उसके बाप का खरीदा हुआ हुआ नहीं बल्कि उसके ससुर का दिया हुआ है।
रील देखने में व्यस्थ युवा
वहीं युवाओं के द्वारा मोबाइल के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि आज का युवा रात 4 बजे तक रील देखने में डेढ़ GB डेटा खर्च कर देता है। उन्होंने कहा कि पहले अंग्रेज घर में बैठकर राज करते थे, अब हम मोबाइल के जरिए खुद को गुलाम बना रहे हैं।
खान सर ने कहा, “नशे से बड़ा कोई भी इंसान नहीं हो सकता। हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन से अफीम भारत में आ रही है। आप लोग नशे का इंटरनेशनल शिकार बन रहे हो। अगर आप एक बार नशे के आदि हो गए, तो फिर उससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है।” इसके बाद उन्होंने युवाओं को पढ़ाई में फोकस करने की सलाह दी और कहा कि “आप सिर्फ नौकरी के भरोसे न रहें, बल्कि अपने बिजनेस और स्किल्स पर भी ध्यान दें।”
शिक्षकों का भी यूनिवर्सिटी बनाने की मांग
खान सर ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि “शिक्षकों का भी एक यूनिवर्सिटी होना चाहिए, ताकि उनका ज्ञान बढ़े और वे बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकें।” उन्होंने यह भी कहा कि “जिस दिन शिक्षकों का टेस्ट होगा, तब से बच्चे उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करेंगे।”
इसके अलावा खान सर ने यह भी कहा कि “आपको कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि आप पढ़ाई में कमजोर हैं। अगर आप सही तरीके से पढ़ाई करेंगे, तो सफलता आपके कदम चूमेगी।” उन्होंने बच्चों को मोबाइल से दूरी बनाने की सलाह भी दी और कहा कि “अभिभावक यह तय करें कि बच्चे मोबाइल से कैसे पढ़ाई करें।”
किसानों की स्थिति पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा कि जो देश को अन्न देता है, वह आज 5 किलो अनाज के लिए लाइन में खड़ा है। कार्यक्रम में मौजूद छात्रों और शिक्षकों ने नशा और दहेज के खिलाफ जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।