सीहोर में एक दिव्यांग युवक ने जनसुनवाई में अपनी व्यथा सुनाई। इंदिरा नगर निवासी कुलदीप लोधी सड़क पर घिसटते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचा। उसने बताया कि 2019 में छत से गिरने के बाद वह दोनों पैरों से विकलांग हो गया।
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दुर्घटना के बाद उसकी पत्नी रचना बच्चे को लेकर मायके चली गई। मां केशर बाई की 2016 में मृत्यु हो गई। मानसिक तनाव में उसने आत्महत्या का प्रयास भी किया, लेकिन परिवार ने बचा लिया।
सरकारी कार्यालयों में आवेदन किया पिछले 5 वर्षों से बेरोजगार कुलदीप ने स्वरोजगार के लिए कई प्रयास किए। सामाजिक न्याय दिव्यांग कल्याण विभाग, बैंकों और अन्य सरकारी कार्यालयों में आवेदन किया, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली। मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना का लाभ भी उसे नहीं मिला।
दो साल पहले तीन पहिया साइकिल दी विभाग ने दो साल पहले तीन पहिया साइकिल दी थी, लेकिन अब वह भी नहीं है। गरीबी और कोरोना के कारण उसका इलाज भी नहीं हो पाया। कुलदीप को उम्मीद है कि सड़क पर घिसटते हुए जनसुनवाई में जाने से जिलाधिकारी उसकी समस्या का समाधान करेंगे।