दादरी जिले के खेतों में पड़ा विमान व मौके पर मौजूद पुलिस और सऊदी अरब से पहुंचे अधिकारी।
अहमदाबाद में गुरुवार की दोपहर हुए एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश से हरियाणा के लोग चरखी दादरी में टकराए 2 विमानों की घटना को याद कर रहे हैं। 29 साल पहले देश का अब तक का सबसे बड़ा विमान हादसा हरियाणा में 12 नवंबर 1996 हुआ था। इसमें 349
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इस घटना के बाद सबसे पहले घटना स्थल पर पहुंचने वाले मीडिया कर्मी दयानंद प्रधान बताते हैं कि खेतों में चारों तरफ लाशें बिछी थीं। चरखी दादरी का अस्पताल लाशों से भर गया था। मैंने आज भी उस हादसे से जुड़ी एल्बम संभालकर रखी है। आज अहमदाबाद में प्लेन क्रैश हुआ तो वो मंजर याद आ गया।
दुर्घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचे दयानंद प्रधान ने बताया-
चारों तरफ लाशें थीं। किसी की बाजू तो किसी के पैर कटकर इधर-उधर गिरे थे। कुछ देर बाद पता चलता है कि सऊदी अरब और कजाकिस्तान के विमान टकराए हैं। आज भी वो मंजर याद कर रुह कांप उठती है।
दादरी विमान हादसे की तस्वीरों की एल्बम दिखाते दयानंद प्रधान।
चरखी दादरी प्लेन हादसे पर चश्मदीदों ने क्या कहा…
आसमान में 2 जहाज टकराए, लोग खेतों की तरफ भागे 12 नवंबर 1996 को शाम के साढ़े 6 बजे थे। इस बीच हरियाणा के चरखी दादरी में आसमान में 2 प्लेन टकरा जाते हैं। टक्कर से आसमानी बिजली जैसी गरज के साथ रोशनी दिखती है। दोनों जहाज आग का गोला बनकर खेतों में गिरते हैं। देखते ही लोग खेतों की तरफ भागते हैं। जो जिस स्थिति में था उसी में पहुंच जाता है और जिंदा लोगों की तलाश में जुट जाता है।
लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए रामफल ने बताया कि शाम साढ़े 6 बजे अचानक उनके खेतों के पास आग के गोले बरसने लगे। लोग घबराकर घरों के बाहर भागे। मैं भी दौड़कर दूसरे लोगों के साथ पहुंचा। पहले आसपास के लोगों को मदद के लिए बुलाया और फिर पुलिस को सूचित किया। जहाज टूटकर गिरे थे। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पास जाने की हिम्मत नहीं हो रही थी।
गेहूं की बिजाई चल रही थी, हादसे के बाद खेत बंजर हुए किसान सुरेश बताते हैं कि हादसे के बाद खेत बंजर हो गए थे। उस समय गेहूं की बिजाई की तैयारी चल रही थी। विमान का मलबा साफ होने और लाशें हटा देने के कई दिन बाद भी खेत में जाने की हिम्मत नहीं होती थी। उस दिन को याद कर आज भी कंपकंपी छूट जाती है। हादसे के बाद करीब 10 किलोमीटर के दायरे में दोनों विमानों के अवशेष व लाशें बिखरी थीं।
बाहर से आए लोगों के भोजन, शवों के संस्कार की व्यवस्था की मास्टर सुरेश गर्ग ने बताया कि प्लेन हादसे के बाद उस समय विश्व हिंदू परिषद और RSS के लोगों ने आगे आकर बहुत मदद की। जीत राम गुप्ता और अरविंद मित्तल आदि ने शवों के अंतिम संस्कार और बाहर से आए लोगों के ठहरने और खानपान की व्यवस्था की।
चरखी दादरी में प्लेन हादसे के बाद पहुंचे तत्कालीन PM एचडी देवेगौड़ा और हरियाणा के पूर्व CM दिवंगत चौधरी बंसीलाल।
पीएम देवेगौड़ा व सीएम बंसीलाल पहुंचे चरखी दादरी में विमान दुर्घटना के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया। वहीं, चरखी दादरी में स्मारक व अस्पताल बनाने की घोषणा की। हालांकि सऊदी अरब की एक संस्था ने चरखी दादरी में कुछ वर्ष तक अस्थायी अस्पताल भी बनाया, लेकिन उसे बाद में बंद कर दिया गया।
29 साल पुराने हादसे जुड़ी ये 3 तस्वीरें…
दादरी में दोनों प्लेन पूरे जल गए, लेकिन किसी यात्री द्वारा पढ़ी जा रही गीता के पन्ने बच गए।
प्लेन क्रैश के बाद यात्रियों के शव और समेटा गया उनका सामान।
हादसे के बाद मिला प्लेन का ब्लैक बॉक्स।
ऐसे हुआ था हादसा सऊदी अरब एयरलाइंस और कजाकिस्तान एयरलाइंस का प्लेन पायलट का कम्युनिकेशन टूट जाने से हवा में टकरा गए थे। जिस वक्त ये टक्कर हुई, उस वक्त दोनों प्लेन चरखी दादरी के आसमान में एक-दूसरे उल्टी दिशा में उड़ रहे थे। एक ने दिल्ली हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, तो दूसरा दिल्ली में उतरने वाला था। शाम करीब साढ़े 6 बजे दोनों हवा में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गए।
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