महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष बल मलकीत सिंह।
महाराष्ट्र राज्य पंजाबी साहित्य अकादमी (MSPSA) अल्पसंख्यक विकास विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष बल मलकीत सिंह ने एक सख्त बयान जारी करते हुए पाकिस्तान समर्थित आतंकी घटनाओं और खालिस्तानी अलगाववादियों की साजिशों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि सिख समुदा
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प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीमा पार से आने वाले आतंकवादियों द्वारा मासूम नागरिकों की हत्याएं न केवल निंदनीय हैं, बल्कि सिख धर्म के मूल मूल्यों के भी खिलाफ हैं। बल मलकीत सिंह ने कहा कि सिखों ने इतिहास में हमेशा आपदाओं, युद्धों और संकटों में मानवता की निःस्वार्थ सेवा की है – चाहे वो लंगर सेवा हो या देश की रक्षा में अग्रिम मोर्चे पर डटे रहना।
आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू।
गुरुओं की कुर्बानी और राष्ट्र के प्रति निष्ठा उन्होंने कहा कि सिख गुरु और असंख्य सिख स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए, और आज भी सिख समुदाय भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में सबसे आगे है। “हम अपने बलिदानों की विरासत को निभा रहे हैं और इसे कभी कमजोर नहीं होने देंगे,” उन्होंने कहा।
पाकिस्तान में सिखों पर अत्याचार और गुरपतवंत पन्नू को फटकार बल मलकीत सिंह ने पाकिस्तान में सिखों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए कहा कि विभाजन के समय 1.5 लाख सिख वहां थे, जबकि आज उनकी संख्या घटकर 10,000 से कम रह गई है। पाकिस्तान में उनके धार्मिक स्थलों पर सेना द्वारा नियंत्रण और अधिकारों से वंचित रखना धार्मिक स्वायत्तता का गंभीर उल्लंघन है।
उन्होंने अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर भी निशाना साधा और कहा कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर काम कर रहे हैं। उनका कथित आंदोलन न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अस्वीकार किया जा चुका है। “वह सिख पंथ का प्रतिनिधित्व नहीं करते। उनका एजेंडा बेनकाब हो चुका है और सिख कौम इसे पूरी तरह खारिज करती है,” उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन बल मलकीत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा कि उन्होंने सिख समुदाय को हमेशा सम्मान और समर्थन दिया है। “सिख समुदाय भारत के साथ था, है और रहेगा। कोई भी विदेशी फंडिंग या प्रोपेगेंडा हमारे राष्ट्र और नेतृत्व से हमें अलग नहीं कर सकता।”
सिख पंथ बलिदान, निष्ठा और मानवता की नींव पर खड़ा
“सिख पंथ बलिदान, निष्ठा और मानवता की सेवा की नींव पर खड़ा है। हम अपने समुदाय को बदनाम करने की हर बाहरी कोशिश को खारिज करते हैं। सिख भावना भारतीय राष्ट्रवाद से अलग नहीं की जा सकती।”