औरंगाबाद में रफीगंज रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या-1 के बाहर एक विवाहिता ने घरेलू विवाद से परेशान होकर 2 बच्चों के साथ जहरीला पदार्थ खा लिया। महिला और बच्चों को तड़पते देख राहगीर सद्दाम हुसैन ने रेलवे पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तीनों को रफीगंज सा
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डॉ. धनंजय कुमार ने प्राथमिक उपचार के बाद तीनों को औरंगाबाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया। महिला की पहचान खेमपुर गांव निवासी दिलीप यादव की 30 वर्षीय पत्नी संगीता देवी के रूप में हुई। उसके साथ 5 वर्षीय बेटी प्रियांशु कुमारी और 2 वर्षीय बेटी सोहानी कुमारी भी थी।
महिला को भी पहुंचाया गया अस्पताल।
सास-ससुर और पति से था विवाद
संगीता देवी ने बताया कि मैं सास, ससुर और पति से चल रहे विवाद से परेशान थी। पति विशाखापट्टनम में प्राइवेट जॉब करता है। उसने कई बार पति को उसे अपने साथ ले जाने को कहा, लेकिन वह तैयार नहीं हो रहा था। इधर ससुराल वाले लगातार उसे प्रताड़ित कर रहे थे।
इसी कारण बच्चों के साथ जहर खा लिया। डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि तीनों ने जहरीला पदार्थ खाया है। बेहतर इलाज के लिए उन्हें औरंगाबाद सदर अस्पताल भेजा गया। हालांकि, मायके पक्ष के लोग प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें निजी अस्पताल ले गए।
बच्चे का चल रहा इलाज।
24 दिन पहले भी हुई थी घटना
24 दिन पहले भी एक महिला का अपने पति के साथ विवाद हुआ था। जिसके बाद रफीगंज रेलवे स्टेशन पर ही चार बच्चों के साथ जहर पी लिया था। घटना में महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई थी। चारों मृतक औरंगाबाद के झिकटिया गांव के रहने वाले थे। 10 साल पहले उसकी शादी रवि बिंद के साथ हुई थी।
रवि मनरेगा मजदूर है। रात में पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। इसके बाद सोनिया नाराज होकर चारों बच्चों को लेकर घर से निकल गई। मायके जाने का बहाना बनाकर वह रफीगंज रेलवे स्टेशन पहुंची। वहां पानी की बोतल में जहर मिलाया। पहले बच्चों को पिलाया, फिर खुद भी पी लिया।
जहर पीते ही बच्चे प्लेटफॉर्म पर तड़पने लगे। उसी समय गांव का एक व्यक्ति स्टेशन पर मौजूद था। उसने चारों को पहचान लिया। जानकारी झिकटिया गांव में परिजनों को दी।
RPF और स्टेशन पर मौजूद लोगों की मदद से सभी को अस्पताल पहुंचाया गया था। जहां इलाज के दौरान महिला और उसके तीन बच्चों की मौत हो गई थी। घटना के 24 दिन के बाद दूसरी महिला ने रफीगंज रेलवे स्टेशन पर ही अपने दो बच्चों के साथ जहर खा लिया।