पार्षदों ने कलेक्टर को दी शिकायत।
धार के ऐतिहासिक मुंज तालाब में पानी की आवक रुक गई है। रेल परियोजना और नई सड़कों के निर्माण से तालाब तक पहुंचने वाले पानी के रास्ते बंद हो गए हैं। खासकर रेल परियोजना से बारिश का पानी तालाब तक पहुंचाने वाला प्रमुख नाला पूरी तरह बंद हो गया है। इससे इस ब
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सामान्य प्रशासन विभाग की सभापति सुमित्रा संजय मकवाना ने बताया कि पार्षदों ने कलेक्टर को इस समस्या की शिकायत की है। कलेक्टर ने समाधान का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तालाब नहीं भरा तो आसपास के सैकड़ों नलकूपों का जलस्तर गिर सकता है। इससे आने वाली गर्मियों में पानी की किल्लत हो सकती है।
पानी की आवक के रास्ते को खोलने की मांग की गई है।
घरों का गंदा पानी सीधे नाले में छोड़ा जा रहा नगर पालिका अमृत-2 योजना के तहत तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए 3 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रही है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सौंदर्यीकरण से पहले तालाब में पानी की आवक का रास्ता बनाना जरूरी है। तालाब के पास की कालोनियों में नालियों की सफाई नहीं होती और कई घरों का गंदा पानी सीधे नाले में छोड़ा जा रहा है। नौगांव व कलेक्ट्रेट से आने वाला गंदा पानी भी तालाब में गिर रहा है। बुजुर्गों का कहना है कि अगर गंदे पानी को नहीं रोका गया तो तालाब का पानी पूरी तरह खराब हो जाएगा।
नाले के गहरीकरण की मांग मकवाना ने बताया कि नाले के गहरीकरण और पानी की आवक के रास्ते को खोलने की मांग की गई है, ताकि तालाब में पानी की आवक बढ़े और वो पूरी तरह भर सके। जब तक पानी की आवक के पुराने रास्ते फिर से चालू नहीं होते और गंदे पानी को रोका नहीं जाता, तब तक तालाब पूरी तरह जीवित नहीं हो सकता।