Homeराज्य-शहरधार में 300 आंगनबाड़ी भवन तैयार, 200 निर्माणाधीन: जर्जर और किराए...

धार में 300 आंगनबाड़ी भवन तैयार, 200 निर्माणाधीन: जर्जर और किराए के भवनों से मिलेगी मुक्ति; एक लाख से ज्यादा बच्चों को होगा लाभ – Dhar News



धार में आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगा अपना भवन।

धार के ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द ही अपना स्थायी ठिकाना मिलने वाला है। आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत जिले को सर्वाधिक नए आंगनबाड़ी भवनों की मंजूरी मिली थी। इस योजना के तहत अब तक 300 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है। इसस

.

वर्तमान में 200 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य अभी भी प्रगति पर है। इनमें से 10 प्रतिशत भवनों का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। प्रशासन का दावा है कि शेष भवनों का निर्माण जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

509 भवन बनाने की मिली थी स्वीकृति दरअसल जिले में 3 हजार 858 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं। इसमें एक लाख 40 हजार से ज्यादा बच्चें हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सालों पहले बने भवन जर्जर होने के कारण बच्चाें काे परेशानी हाे रही है। इसी काे देखते हुए यहां केंद्र सरकार की आदर्श ग्राम योजना में आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण की कार्ययोजना बनी थीं। महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार धार को 509 भवन बनाने की स्वीकृति मिली थी। इनमें से एक हजार आंगनवाड़ी केंद्र किराए के भवनों में संचालित हो रहे है। हालांकि नए भवन बनने के बाद ये संख्या आधी रह जाएगी।

‘गुणवत्‍ता का रखा जा रहा है ध्यान’ जिले के 13 ब्लॉक में आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए पंचायतों से प्रस्ताव मांगे गए थे। इसके आधार पर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सबसे ज्यादा 91 आंगनबाड़ी भवन गंधवानी में स्वीकृत किए गए। इसी प्रकार कुक्षी विधानसभा में 29 और बदनावर में 13 भवन स्वीकृत हुए हैं। जबकि धार ब्लॉक में एकमात्र भवन खिलचीपुरा पंचायत में चल रहा है। इन भवनाें के निर्माण के बाद भी जिले में 900 ऐसे आंगनवाड़ी केंद्र भी है जाे किराए के मकानों में संचालित हो रही है। इसमें विभाग का कहना है कि अगले चरण में इनका भी निर्माण किया जाएगा। महिला एवं बा‍ल विकास अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि जर्जर हो चुके भवनों के लिए प्रस्‍ताव बनाकर भेजा था, जिसके बाद ही कई क्षेत्रों में भवन तैयार हो रहे है। गुणवत्‍ता का भी ध्यान रखा जा रहा है।



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version