स्वच्छ सर्वेक्षण में अधिकांश कबाड़ से जुगाड़ का कान्सेप्ट आता रहा है। नगर निगम भी उसी हिसाब से नगरीय क्षेत्र में डले कबाड़ को एकत्रित कर आकृति बनाने में लगा रहता है। अब 80 लाख रुपए की लागत से कबाड़ से जुगाड़ कर विभिन्न तरह की आकृतियां बनाई जा रही है। निगम
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नगर निगम के वर्कशाप में भी कबाड़ से जुगाड़ का काम एजेंसी के लोग कर रहे हैं। वहां घोड़ा, दरबान, स्वच्छता का संदेश देता सफाई कर्मचारी, महापुरुषों की प्रतिमाएं बनाई जा रही है। दोनों कंपनियों को 12 आकृतियों को आकार देना है। नोडल अधिकारी शैलेंद्र सक्सेना ने बताया कि कबाड़ से जुगाड़ के तहत चार आकृतियों को बनाकर रखा है।
पिछले कई स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले भी कबाड़ से जुगाड़ के तहत काम किए हैं। लाल टिपारा गौशाला में इस पर ज्यादा काम हुआ है। शहर के अंदर आकृतियां बनाकर रखी गईं थी। एलआईसी तिराहा और जमुनाबाग नर्सरी के सामने भी आकृतियों को रखा था। निगम ने जमुनाबाग नर्सरी के सामने फाउंटेन लगा दिए हैं। एलआईसी तिराहे के सामने की आकृति को हटा दिया गया है।