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नेवी में नौकरी के नाम पर 4 लाख की ठगी: रायगढ़ में कहा- सिंगापुर में पद खाली, लखनऊ में फर्जी ट्रेनिंग भी दी – Raigarh News


छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में 4 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। 3 लोगों ने मिलकर मर्चेंट नेवी में नौकरी लगाने के नाम पर घटना को अंजाम दिया है। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की है।

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मिली जानकारी के मुताबिक बाजीनपाली क्षेत्र में रहने वाला ईस्म मोहम्मद अंसारी (44) की छातामुड़ा बायपास में फेब्रिकेशन का दुकान है। उसका बेटा तालीम अंसारी 12वीं तक पढ़ाई किया है। ऐसे में उसके नौकरी को लेकर प्रयास किया जा रहा था।

जहां फरवरी 2023 में उसके घर सामाजिक कार्यक्रम था। तब उत्तर प्रदेश देवरिया से उसके परिचित शमशाद अहमद, साहिबा खातुन और उमेश कुमार भी कार्यक्रम में शामिल होने आए।

इस दौरान बातचीत करते हुए नौकरी के संबंध में चर्चा चली, तो शमशाद और साहिबा ने कहा कि उनका और उमेश कुमार का मर्चेंट नेवी में अफसरों के साथ उठना बैठना है। सिंगापुर में नेवी अफसरों के लिए कुछ पद खाली है। ट्रेनिंग के बाद 90 हजार रुपए प्रति माह का वेतन मिलेगा।

ठगी की एहसास होने के बाद कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

ट्रेनिंग में खर्चा के नाम पर मांगे रुपए

इसके बाद ईस्म मोहम्मद अंसारी ने अपने बेटे की नौकरी लगाने की बात कही। तब तीनों ने बताया कि ट्रेनिंग में कुछ खर्चा आता है। ऐसे में ईस्म मोहममद अंसारी ने साहिबा खातुन के खाते में 1 लाख 15 हजार रुपए जमा कर दिया।

कुछ दिन बाद ईस्म मोहम्मद अपने बेटे तालीम को ट्रेनिंग के लिए अगरा फतेहपुर भेजा। यहां 15 दिन तक उसे फर्जी तरह से ट्रेनिंग भी कराया गया। बाद में प्रमाण पत्र देकर वापस भेज दिया।

अलग-अलग खातों में डाले रुपए

ट्रेनिंग से आने के बाद नौकरी लग जाने की बात पूछने पर शमशाद और उमेश ने दोबारा लखनऊ में 6 माह का कोर्स के लिए बुलाया। यहां फिर से ट्रेनिंग कराया और फिर से प्रमाण पत्र दिया।

ट्रेनिंग और अफसरों के नाम पर शमशाद और उमेश ने दोबारा रुपए की मांग की, तो ईस्म मोहम्मद ने फिर से शमशाद, उमेश और साहिबा के खाते में और उनके द्वारा बताए गए अन्य खातों में अलग-अलग तारीख को कुल 4 लाख 62 हजार 400 रुपए डाल दिए।

ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट के लिए 15 हजार मांगे

इसके बाद 3 माह में तालीम को 29 हजार 757 रुपए देकर कहा कि ट्रेनिंग पूरा हो गई और अब रुपए आना शुरू हो जाएगा। कभी भी सिंगापुर से नेवी ऑफिसर का नियुक्ति पत्र आ सकता है। ऐसे में तालीम घर आ गया। कुछ दिन बाद लखनऊ से ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट लेने के लिए 15 हजार रुपए जमा करने कहा गया।​​​​​​​​​​​​​​

ईस्म मोहम्मद अंसारी ने उन्हें बताया कि उसने 1 लाख 35 हजार रुपए जमा किए थे। तब जानकारी हुई कि शमशाद और उमेश के द्वारा सिर्फ 10 हजार रुपए जमा किए गए थे। इसके बाद ईस्म मोहम्मद अंसारी ने शमशाद और उमेश को फोन किया, तो वे टालमटोल करने लगे।

आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

इसके बाद करीब 6 माह तक नियुक्ति पत्र नहीं आया, तो फिर से उन्हें फोन किया गया। तब भी शमशाद और उमेश लगातार टालमटोल करने लगे। जिससे उन्हें शक हुआ और ट्रेनिंग में गए अन्य युवकों से पूछताछ करने पर उन्हें भी नौकरी का झांसा देने की बात सामने आई।

जिसके बाद वह समझ गया कि लखनऊ में किसी नेवी की ट्रेनिंग देने वाले कंपनी में फर्जी ट्रेनिंग दिलाकर उनके साथ ठगी की गई है। इसके बाद ईस्म मोहम्मद अंसारी ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जहां पुलिस ने मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध कायम कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।



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