Homeराज्य-शहरनेशनल लोक अदालत में बिछड़े परिवार हुए एक: आपसी सहमति से...

नेशनल लोक अदालत में बिछड़े परिवार हुए एक: आपसी सहमति से सुलह कर पति-पत्नी ने एक-दूसरे को पहनाई माला – Sagar News



लोक अदालत में बिछड़े परिवार हुए एक।

विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को सागर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय और सभी तहसील न्यायालयों में 50 खंडपीठों में प्रकरणों की सुनवाई हुई। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण

.

जिसमें मोटर दुर्घटना के 87 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राशि 1,30,11,500 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। चैक बाउंस के 319 प्रकरणों के निराकरण में 8,10,93,514 रुपए का समझौता अवार्ड किया गया। आपराधिक प्रकृति के शमन योग्य 533 प्रकरण, बिजली के 158 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 86 प्रकरण और दीवानी व अन्य प्रकृति के 43 प्रकरणों का निराकरण किया गया। विभिन्न बैंकों के 107 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, बिजली विभाग के 470 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, नगर निगम के 220 प्री-लिटिगेशन प्रकरण, ई-ट्रैफिक चालान के 709 प्री-लिटिगेशन संबंधी प्रकरण और अन्य प्रकृति के प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण भी इस दौरान कराया गया। जिसमें 2,69,01,225 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। दो बेटियों होने पर दूर हुए, अब साथ रहेंगे पति-पत्नी न्यायिक मजिस्ट्रेट राहुल सोनी की कोर्ट में न्यायालय में लंबित प्रकरण में आवेदिका का विवाह अनावेदक के साथ 17 जून 2019 को हुआ था। आवेदिका के यहां दो बेटियां होने से दूसरी पुत्री के जन्म के बाद से अनावेदक, आवेदिका के साथ नहीं रह रहा था। जिससे दोनों 25 नवंबर 2020 से अलग-अलग रह रहे थे। जिसके चलते दोनों के मध्य घरेलू हिंसा व भरण-पोषण के प्रकरण पंजीबद्ध होकर लंबित थे। उक्त प्रकरण में न्यायालय ने दोनों पक्षों को समझाइश दी। समझाइश पर दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से राजीनामा किया और साथ रहने के लिए तैयार हो गए। जिसके बाद दोनों ने एक-दूसरे को फूलमाला पहनाई और मिठाई खिलाकर घर के लिए रवाना हुए।

न्यायिक मजिस्ट्रेट आशीष शर्मा की कोर्ट में लगे प्रकरण में आवेदिका और अनावेदिका की शादी 29 जनवरी 2016 को हुई थी। अनावेदक प्राईवेट कंपनी में कार्यरत होकर विदेश चला गया था। विदेश से वापस आने के बाद अनावेदक ने आवेदिका से दूरी बना ली थी और फिर कर्नाटक नौकरी करने चला गया था। उभयपक्ष के मध्य भरण-पोषण व विवाह विच्छेद संबंधी प्रकरण पूर्व से चले थे। वर्ष 2018 से अलग-अलग रह रहे थे। न्यायालय ने दोनों पक्षों को समझाइश दी। जिस पर दोनों सहमत हुए और साथ रहने के लिए राजी हुए। जिसके बाद दोनों खुशी-खुशी घर के लिए रवाना हुए।



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version