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नोएडा में 650 करोड़ का सर्राफा कारोबार होने की उम्मीद: एक दिन में 500 शादियां, सभी मेरिज हॉल बुक; वाहनों की बढ़ेगी बिक्री – Noida (Gautambudh Nagar) News



अक्षय तृतीया पर ग्राहकों के स्वागत को लेकर गौतमबुद्धनगर के 200 बाजार पूरी तरह से तैयार है। सबसे अधिक उत्साहित सर्राफा व्यापारी समेत 850 शोरूम संचालक दिख रहे है। क्योंकि सबसे अधिक स्वर्ण आभूषणों की खरीद फरोख्त इसी दिन होती है।

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सोना भले ही पिछले वर्ष की तुलना में 40 प्रतिशत महंगा होकर एक लाख रुपए प्रति दस ग्राम पहुंच गया है। लेकिन इस महंगाई का असर ग्राहकों पर नहीं पड़ रहा है। इससे करीब 30 प्रतिशत अधिक सोने की बिक्री होने का अनुमान अभी से बाजारों में लगाया जा रहा है।

नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव सुशील कुमार जैन ने बताया कि इस बार सोने चांदी का कुल कारोबार जिले में 650 करोड़ होने का अनुमान है।

साल 2020 व 2021 में कोरोना के बाद साल 2022 में अक्षय तृतीया पर सोने का कुल कारोबार नोएडा में 300 करोड़ रुपए का हुआ था, लेकिन साल 2023 में यह 20 प्रतिशत अधिक बढ़कर 360 करोड़ रुपए पहुंचा। वहीं 2024 में आभूषण का कारोबार 450 करोड़ रहा।

एक दिन में होंगी 500 शादियां अक्षय तृतीया को लेकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बाजारों में विशेष तैयारी है। 30 मई को इस दिन जिले के करीब 500 से अधिक जोड़े शादी के बंधन में बंधेंगे। अक्षय तृतीया को लेकर सर्राफा बाजार में विशेष ऑफर निकाले गए हैं।

प्रॉपर्टी और वाहन बाजार को भी बेहतर कारोबार की उम्मीद है। रामा ग्रुप ऑफ बैंक्वेट के मैनेजर अमरजीत सिंह ने बताया कि शहर में रामा ग्रुप के लगभग 10 बैंक्वेट हॉल है। उन्होंने बताया सभी शादियों के मेरिज हॉल की बुकिंग एडवांस में कराई गई थी। उन्होंने बताया कि लगभग 500 से अधिक शादियां होगी।

गाड़ियों की भी बिक्री बढ़ेगी अक्षय तृतीया के अवसर पर गाड़ियों की मांग बढ़ जाती है। इस बार भी अक्षय तृतीया के दिन बड़ी संख्या में गाड़ियां बिकेंगी। इस दिन खरीदारी को ग्राहक बेहद शुभ मानते हैं। पिछले चार साल के आकड़े देखे तो 2022 में 213 वाहन खरीदे गए। 2024 में 512 वाहन खरीदे गए थे। इस बार भी करीब 500 से ज्यादा वाहनों की खरीदने की उम्मीद है।

अक्षय का मतलब जिसका कभी क्षय न हो हिंदू मान्यताओं के अनुसार यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। अक्षय का मतलब है, जिसका कभी क्षय न हो, जो कभी खत्म न हो, जिसमें कमी न हो। मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया तिथि को ही सतयुग और त्रेतायुग का प्रारंभ हुआ था, द्वापर युग का अंत हुआ था और अक्षय तृतीया को ही कलयुग का प्रारंभ हुआ था। इसलिए इसे युगादि तिथि भी कहा जाता है।



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