पंजाब यूनिवर्सिटी (पी.यू.) के लगभग 700 नॉन टीचिंग कर्मचारियों को 2004 से पहले की पेंशन स्कीम का फायदा मिलने का इंतजार है। इनमें से 392 सेवानिवृत्त और 316 वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। केंद्र सरकार ने उन्हें पेंशन स्कीम में शामिल करने के लिए
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उल्लेखनीय है कि पीयू के कई नॉन टीचिंग कर्मचारी सत्र 2004 से पहले की पेंशन स्कीम से वंचित रह गए थे। उन्होंने कई बार पेंशन का फायदा लेने के लिए आग्रह किया, जिसके बाद केंद्र ने दो साल पहले पेंशन के लिए आवश्यक कदम उठाए थे। इसके बावजूद पीयू ने अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
सूत्रों के अनुसार, पीयू के 392 सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन के लिए एक साल की लायबिलिटी 22 करोड़ रुपए बनती है, जो प्रति माह लगभग 1.85 करोड़ रुपए होगी। वहीं, 316 अन्य कर्मचारी, जो अभी तक रिटायर नहीं हुए हैं, रिटायरमेंट के बाद इस स्कीम के तहत पेंशन के हकदार होंगे।
पी.यू. को कॉर्पस फंड में 68 करोड़ रुपए जमा करने की जरूरत पीयू के इन कर्मचारियों की पेंशन स्कीम को सुचारू रूप से चलाने के लिए कॉर्पस फंड में 68 करोड़ रुपए जमा करवाने की जरूरत है। इससे पहले भी केंद्र सरकार ने 10 वर्षों तक हर साल 10-10 करोड़ रुपए जमा कराए थे, जिससे पीयू को ब्याज के रूप में धन मिलता रहा। इस कॉर्पस फंड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों को पेंशन समय पर मिलती रहे।
पीयू में फिलहाल लगभग 2353 नॉन टीचिंग कर्मचारियों को पेंशन मिल रही है, जबकि 392 ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं जो अभी भी पेंशन का इंतजार कर रहे हैं।
पेंशन स्कीम पर पी.यू. की सरकार से मंजूरी का इंतजार नॉन टीचिंग स्टाफ के पूर्व अध्यक्ष दीपक कौशिक के अनुसार, पी.यू. ने लगभग 700 कर्मचारियों की पेंशन स्कीम को लेकर सरकार को पत्र भेजा है। जब इस पर सरकार की ओर से मंजूरी मिल जाएगी, तभी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिलना शुरू होगा।
वहीं, पीयू टीचिंग स्टाफ एसोसिएशन के विक्रम नैय्यर ने भी पेंशन स्कीम पर जल्द से जल्द अमल करने की मांग की है, ताकि वर्षों से पेंशन का इंतजार कर रहे कर्मचारियों को राहत मिल सके।