पंजाब के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले 10वीं कक्षा की छात्राओं की करियर संबंधी रुचि, क्षमता और योग्यता का पता लगाने के लिए अब साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाया जाएगा। सरकार की तरफ से इस बारे में फैसला लिया गया है। शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि स्ट
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डीईओ की अगुवाई में जिलों में कमेटियां गठित
योजना के लिए पूरे राज्य में जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) की अगुवाई में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। ये समितियां अपने-अपने जिलों में टेस्टिंग प्रक्रिया और सभी कार्यों की निगरानी करेंगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्राओं की मानसिक क्षमताओं, रुचियों और व्यक्तित्व के गुणों का विश्लेषण करना है, जिससे उन्हें अपने करियर की सही दिशा चुनने में मार्गदर्शन मिल सके।
10वीं कक्षा के बाद छात्र हो जाते है कंफ्यूज
शिक्षा मंत्री ने बताया कि अधिकांश छात्राएं 10वीं की बोर्ड परीक्षा के बाद अपने भविष्य को लेकर असमंजस में रहते हैं। यह दुविधा 11वीं कक्षा में स्ट्रीम चुनने के फैसले को प्रभावित करती है। निजी स्कूलों में आमतौर पर करियर काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध होती है, लेकिन सरकारी स्कूलों की छात्राओं को यह सुविधा नहीं मिल पाती थी, जिसके कारण वे अक्सर अपने साथियों को देखकर स्ट्रीम का चयन कर लेती थीं। इससे कई छात्राएं अपनी रुचि और क्षमता के अनुरूप करियर नहीं चुन पाती थीं।