पटना में दुर्गा पूजा को लेकर अग्निशमन विभाग अलर्ट मोड में हैं। विभाग खतरनाक और अति संवेदनशील पंडालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में है। जिले के 389 पंडालों में से 25 फायर सेफ्टी में फेल है। इसे खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। संबंधित पूजा समिति क
.
मानकों को अगले दो दिनों में पूरा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे पंडालों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। परपत्र (द) घोषणा पत्र लिया गया है। परपत्र(ध) कार्रवाई के लिए नोटिस देने की तैयारी चल रही है। पूरे पटना को सुरक्षा के दृष्टिकोण से 4 जोन में बांटा गया है। बेहतर कम्युनिकेशन के लिए 800 से अधिक कर्मियों को नया मोबाइल भी दिया गया है।
खतरनाक पंडालों को दिया गया 2 दिनों का समय
जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार नट लगातार पंडालों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर अग्निशमन के वाहन खड़े रहेंगे। संवेदनशील स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है। जिले में 25 पूजा पंडालों को खतरनाक श्रेणी में रखा गया है। एक से 2 दिनों में गड़बड़ी ठीक करने का निर्देश दिया गया है। गड़बड़ी ठीक नहीं करने पर पंडालों को सील किया जाएगा। 648 कर्मियों को तैनात किया गया है। 96 गाड़ियां अलर्ट मोड में रहेंगी।
डाकबंगला चौराहा, हनुमान मंदिर, बोरिंग रोड चौराहा, बेऊर मोड़, अनिशाबाद मोड़, सगुना मोड़, गोला रोड टी प्वाइंट, खाजपुरा शिव मंदिर, पुनाइचक, शीतला माता मंदिर, पटन देवी मंदिर, बाढ़ में कचहरी चौक, कांग्रेस मैदान, मसौढ़ी में तरेगना बाजार चौक, रेलवे गुमटी के पास, पालीगंज अनुमंडल कार्यालय के पास, बिहटा में मनेर बाजार थाना के पास, बिहटा चौक गोलंबर के पास केनोपी लगाए जाएंगे।
भीड़-भाड़ वाली जगहों के लिए कंट्रोल रूम
लोदीपुर, पटना सिटी, दानापुर, कंकड़बाग समेत पटना को 4 जोन में बांटा गया है। 101 अग्निशमन वाहन और 16 लेटेस्ट बाइक के जरिए मॉनिटरिंग की जाएगी। शहर के प्रमुख 10 भीड़-भाड़ वाली जगहों के लिए कंट्रोल रूम, क्विक रिस्पांस टीम बनाई गई है। आधा किलोमीटर और 100, 200 मीटर की दूरी में होने वाली आग से संबंधित घटना पर तेजी से यह टीम काम करेगी। आग को लेकर प्लानिंग की गई है। बड़े पंडालों में विभाग के कर्मी मौजूद रहेंगे।
गेमिंग जोन पर पैनी नजर
मनोज नट ने आगे कहा कि इस बार गेमिंग जोन पर अग्निशमन विभाग की पैनी नजर रहेगा। पंडालों के पास लगने वाले मौत के कुएं, इलेक्ट्रिक गेमिंग, स्ट्रीट फूड को मानकों को पूरा करने पर ही एनओसी दी जाएगी। अग्निशमन विभाग की टीम इस पर विशेष तौर से निगरानी करेगी। सबसे अधिक आग लगने का खतरा और भगदड़ मचने का डर यहीं से होती है।
पंडाल के लिए मापदंड क्या है?
सूती कपड़ा, त्रिपाल, फायर प्रूफ कपड़ों से पंडाल बनाए जाएंगे।
सिंथेटिक कपड़ों और रस्सी का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।
पंडाल में लगाई जाने वाली कुर्सियों के बीच गैप होना चाहिए।
पंडाल में दो एग्जिट गेट बनाए जाएंगे।
हवन और दीप की जगह पंडाल से अलग खुले में होना चाहिए।
हवन कुंड के पास दो ड्राम में पानी भरकर रखा जाएगा।
पंडाल के अंदर और बाहर कटे-फटे और नंगे तार नहीं होने चाहिए।
एंट्री और एग्जिट गेट की चौड़ाई भीड़-भाड़ के मद्देनजर होनी चाहिए।
गेमिंग जोन के लिए मापदंड क्या है?
रकबा के अनुसार 4 से 6 गेट होना चाहिए।
वायर कटे-फटे नहीं होने चाहिए।
इलेक्ट्रिक पैनल के नीचे रबर मैट होना चाहिए।
जनरेटर और डीजे सेट पंडाल से बाहर लगाए जाएंगे।
पंडाल के अंदर ठेले पर चाट और कुलचे की दुकानें नहीं होंगी।
बालू से भरी बाल्टी रखना होगा।
ड्राम में पानी भरकर रखना है।
आग लगने पर इन्हें दें सूचना
अजीत कुमार, अग्निशमन पदाधिकारी लोदीपुर- 7485806115
शशिकांत प्रसाद शर्मा, अग्निशमन पदाधिकारी, सचिवालय- 7903088301
अरनव कुमार, अग्निशमन पदाधिकारी, फुलवरीशरीफ- 9304101059
विजय शंकर यादव, अग्निशमन पदाधिकारी, दानापुर- 8789880114
मदन कुमार पासवान, अग्निशमन पदाधिकारी, पालीगंज- 9570658954
जय जय राम मंडल, अग्निशमन पदाधिकारी, बिहटा- 9709508015
इंद्रजीत कुमार, अग्निशमन पदाधिकारी, कंकड़बाग- 7903465774
जयंत शर्मा, अग्निशमन पदाधिकारी, मसौढ़ी- 8873594460
गयानंद सिंह, अग्निशमन पदाधिकारी, पटना सिटी- 8541882804
बिंदु बैठा, अग्निशमन पदाधिकारी, बाढ़- 9939200805