पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रखा मृतक बल्लू आदिवासी का शव
ग्वालियर में पत्नी से रात में विवाद के बाद पति इतना नाराज हो गया कि उसने मेटाडोर के एंगल में प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगाकर जान दे दी है। घटना गिरवाई थाना क्षेत्र के राम ईट चिमनी भट्टे में सोमवार-मंगलवार रात करीब 2 बजे की है।
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घटना का पता उसे वक्त चला जब पत्नी सुबह उसे जगाने पहुंची तो वह फंदे पर लटका हुआ था। पति को फंदे पर लटका देखकर उसकी चीख निकल गई, चीख सुनते ही अन्य परिजन मौके पर पहुंचे और घटना की सूचना को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल के बाद मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मर्ग कायम कर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
यह है पूरा मामला
गिरवाई थाना प्रभारी सुरेंद्रनाथ सिंह यादव ने बताया कि परिजनों द्वारा सूचना दी गई थी कि ईट भट्टे की चिमनी पर काम करने वाले 38 वर्षीय बल्लू आदिवासी ने मेटाडोर की एंगल पर प्लास्टिक की रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है, सूचना मिलने पर खाने का बल मौके पर पहुंचाया गया था। जहां जांच पड़ताल में मृतक के बड़े भाई मुन्ना आदिवासी पुत्र कदम सिंह निवासी नीमचंदोई मामा प्रिंस ढाबा, बेला की बावड़ी हाल निवासी उटीला ने बताया कि हम पांच भाई और तीन बहिन हैं। मैं और मेरा छोटा भाई बल्लू आदिवासी 38 साल एक साल से ग्राम बंधा में भूरा उर्फ सतेन्द्र यादव के राम चिमनी के ईंट भट्टा पर मजदूरी करते हैं। मेरा भाई बल्लू आदिवासी अपनी पत्नी एवं दो बच्चों के साथ चिमनी पर रहता था।
पत्नी जागने पहुंची तो फंदे पर लटका मिला
11 जून की रात को उसके भाई बल्लू का अपनी पत्नी रानी के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था, विवाद के बाद बल्लू झोपड़ी के पास में खड़ी मेटाडोर में रोजाना की तरह सोने के लिए चला गया था। आज सुबह 6:00 बजे जब उसकी बहू रानी आदिवासी के रोने की आवाज आई तो उसने मेटाडोर के पास जाकर देखा तो उसका भाई बल्लू मेटाडोर में लगे एंगल में प्लास्टिक पट्टे से फांसी लगाकर लटका हुआ था तो उसने और उसके चचेरे भाई जगदीश आदिवासी ने बल्लू के शव को फांसी के फंदे से नीचे उतार कर देखा तो उसके भाई बल्लू की मृत्यु हो चुकी थी।
जिसके बाद उसने घटना की जानकारी फोन पर चिमनी के मालिक भूरा यादव और पुलिस को दी। सूचना के आधार पर पुलिस वालों को मौके पर पहुंचाया गया था जहां जांच पड़ताल के बाद मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम भेजकर मामला दर्ज कर लिया है।