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पश्चिम बंगाल में नौकरी गंवाने वाले शिक्षक भूख हड़ताल पर: पुलिस पर लाठीचार्ज और लात-घूसों से पीटने का आरोप लगाया, BJP; निर्दोष शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया


कोलकाता5 मिनट पहले

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पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में नौकरी गंवा चुके टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में भूख हड़ताल करने की घोषणा की है।

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में नौकरी गंवा चुके टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ ने गुरुवार को नौकरी जाने और पुलिस कार्रवाई के विरोध में भूख हड़ताल करने की घोषणा की है।

बुधवार रात से ही टीचर्स WBSSC के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहें है। एक शिक्षक ने कहा- ‘भूख हड़ताल आंदोलन शुरू किया गया है और जल्द ही आगे का कार्यक्रम तैयार किया जाएगा।’

इससे पहले टीचर्स ने डिस्ट्रिक्ट इंसपेक्टर (डीआई) के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। जहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर लाठीचार्ज और लात-घूसों से पीटने का आरोप लगाया था।

कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जज और BJP उम्मीदवार अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा- ‘दूसरों की गलती के कारण अपनी नौकरी गंवाने वाले निर्दोष शिक्षकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए। भाजपा ऐसे शिक्षकों के साथ है।’

वही, 8 अप्रैल को 25 हजार 753 टीचर्स और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति रद्द करने के मामले में राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी थी। राहुल ने राष्ट्रपति से मांग की है कि जो लोग निर्दोष हैं, उन्हें नौकरी में बने रहने देना चाहिए।

उधर, सुप्रीम कोर्ट में इसी मामले में 8 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने स्कूल कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त पदों को बढ़ाने को लेकर पश्चिम बंगाल कैबिनेट के फैसले की CBI जांच पर रोक लगा दी थी।

बुधवार रात से ही टीचर्स WBSSC के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहें है।

ममता – कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं

मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 7 अप्रैल को उन शिक्षकों और स्टाफ से मुलाकात की थी, जिनकी भर्ती सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दी है। ममता बनर्जी ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश से बंधे हुए हैं। यह फैसला उन कैंडिडेट्स के लिए अन्याय है, जो काबिल शिक्षक थे।

उन्होंने कहा- आप लोग यह मत समझिए कि हमने फैसले को स्वीकार कर लिया है। हम पत्थरदिल नहीं हैं। मुझे ऐसा कहने के लिए जेल भी डाल सकते हैं, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल BJP ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे और जेल भेजने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल को शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी 25,752 नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। जिसके बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया था।

भाजपा बोली- ममता जिम्मेदारी निभाने में फेल

पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा था – ‘शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पूरी जिम्मेदारी राज्य की विफल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ममता बनर्जी के शासन में कैसे पश्चिम बंगाल में शिक्षित बेरोजगार युवाओं की योग्यता को पैसे के बदले बेचा गया।

भाजपा बोली- 21 अप्रैल को सचिवालय मार्च करेंगे

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने मामले में मुख्यमंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा- कई मौके मिलने के बावजूद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की मांगी गई सूची नहीं दी।

राज्य सरकार 15 अप्रैल तक सूची जमा कर सकती है। ऐसा न होने पर हम 21 अप्रैल को एक लाख लोगों के साथ नबन्ना तक मार्च करेंगे। यह एक गैर-राजनीतिक, लोगों का आंदोलन होगा।

वहीं, भाजपा सांसद और कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा- सरकार ने अगर पिछले आदेश को स्वीकार कर लिया होता तो 19 हजार शिक्षकों की नौकरी नहीं जाती।

सुवेंदु अधिकारी ने 7 मार्च को भाजपा विधायकों के साथ ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

दो पॉइंट में पूरा मामला समझें…

  • पश्चिम बंगाल सरकार ने 2016 में स्टेट लेवल सिलेक्शन टेस्ट-2016 (SLCT) के जरिए सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्ती की थी। तब 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक लोगों ने भर्ती परीक्षा दी थी।
  • इस भर्ती में 5 से 15 लाख रुपए तक की घूस लेने का आरोप है। मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट को कई शिकायतें मिली थीं। भर्ती में अनियमितताओं के मामले में CBI ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी और SSC के कुछ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अर्पिता पेशे से मॉडल थीं।

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