‘27 साल पहले हम एटमी पावर बने थे। पहला एटमी टेस्ट हमने बलूचिस्तान के चगाई में किया। दूसरा एटमी टेस्ट हमने 10 मई 2025 को किया और हम कामयाब रहे।‘
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पाकिस्तान के एटमी टेस्ट को लेकर ये दावा पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड बताए गए आतंकी सैफुल्लाह खालिद कसूरी ने किया है। उसने ये बात लाहौर में 28 मई को हुए ‘यौम-ए-तकबीर’ नाम के जलसे में कही। पाकिस्तान ने 28 मई 1998 को पहला न्यूक्लियर टेस्ट किया था। इसके 27 साल पूरे होने पर ये जलसा किया गया था।
यहीं से सैफुल्लाह ने PM मोदी से टक्कर लेने के लिए राजनीति में उतरने की बात कही। हजारों लोगों की भीड़ के सामने उसने कहा कि अगर आप साथ दें, तो मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं। इस जलसे में भारत के वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद भी मौजूद था।
दैनिक भास्कर को सोर्स के जरिए सैफुल्लाह खालिद कसूरी, तल्हा सईद और बाकी आतंकियों के वीडियो मिले। इनसे ये भी पता चला कि लाहौर में आतंकी सैफुल्लाह खालिद और पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर के पोस्टर्स लगे हैं।
28 मई को हुए ‘यौम-ए-तकबीर’ नाम के जलसे का लाहौर में पोस्टर लगाकर प्रचार किया गया। इसमें आतंकी सैफुल्लाह की फोटो पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर के साथ लगाई गई।
4 बड़ी बातें, जो सैफुल्लाह ने मंच से कहीं…
1. वीडियो के 17वें मिनट में सैफुल्लाह दावा करता है कि 27 साल बाद पाकिस्तान ने 10 मई, 2025 को फिर से एटमी टेस्ट किया है।
2. पंजाब प्रांत के अपने गांव कसूर का नाम लेते हुए सैफुल्लाह ने कहा कि अगर कसूर वाले इजाजत दें, तो मैं इंडिया के PM से मुकाबले के लिए पाकिस्तान में चुनाव लड़ लूं।
3. ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकी मुदस्सर कादियान को शहीद बताया। कहा- सगे भाई जैसे मुदस्सर के जनाजे में जाने की इजाजत नहीं मिली। इस बात से मेरा दिल रोता है।
4. हम भारत की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। हमारी साइबर टीम ने हिंदुस्तान में कम्युनिकेशन, पावर, रेलवे और कई वेबसाइट पर साइबर हमले किए। हमने 70% हिंदुस्तान को अंधेरे में डुबो दिया।
मंच से बताया- पहलगाम हमले के वक्त कराची में था दैनिक भास्कर के पास जलसे का पूरा वीडियो और सैफुल्लाह खालिद कसूरी के भाषण का करीब 27 मिनट का वीडियो है। लाहौर में जगह-जगह LED स्क्रीन लगाकर जलसे का प्रचार किया गया। इसमें पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर के साथ सैफुल्लाह के पोस्टर लगाए गए।
जलसे में शाम को सैफुल्लाह खालिद कसूरी और हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद पहुंचे। इनका स्वागत भीड़ ने मोबाइल फोन की टॉर्च जलाकर किया। भारत ने पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सैफुल्लाह को बताया था। 28 मई को यौम-ए-तकबीर में सैफुल्लाह ने खुद इसका जिक्र किया।
जलसे में सैफुल्लाह और हाफिज तल्हा सईद का स्वागत मोबाइल टॉर्च की रोशनी जलाकर किया गया।
उसने कहा- ‘आपको याद है, 22 अप्रैल को पहलगाम का वाकया हुआ। मैं उन दिनों या उससे एक दिन पहले शोहदा-ए-गजा कॉन्फ्रेंस के लिए कराची में था। वहां मुझे खबर मिली कि पहलगाम में वाकया हुआ। हिंदुस्तान ने उसका मास्टरमाइंड मुझे बना दिया है। मैं अपने हलके (इलाके) में था। लोगों के दुख और खुशी में शिरकत कर रहा था, लेकिन मुझे मास्टरमाइंड बना दिया गया है।‘
पाकिस्तानी रेंजर के साथ सैफुल्लाह के मुलाकात की तस्वीर। सैफुल्लाह पाकिस्तानी आर्मी के साथ बैठकें करता है। इसका खुलासा उसके करीबी रह चुके एक शख्स ने किया था।
आतंकी सैफुल्लाह का दावा… 10 मई 2025 को हमने दूसरा एटमी टेस्ट किया सैफुल्लाह इस जलसे में देर शाम को मंच पर पहुंचा। वो कहता है, ‘यौम-ए-तकबीर की बदौलत 27 साल पहले हम एटमी पावर बने थे। 28 मई 1998 को बलूचिस्तान प्रांत के चगाई में पाकिस्तान ने पहला एटमी टेस्ट किया था। पाकिस्तान एटमी पावर बन गया। दूसरा टेस्ट और तजुर्बा हमने 10 मई, 2025 को किया।‘
फिर वो कुछ आयतें पढ़ते हुए कहता है- ‘तुम ईमान बनो। मैं तुम्हारे हाथों से तुम्हारे दुश्मनों को रुसवा करा दूंगा। मैं मदद करूंगा। इसका नतीजा आएगा। ईमान वालों तुम्हारे सीनों को भी ठंडा कर देंगे।‘
‘भारत हमें हजार गोलियों की धमकी देता रहे। हम डरने वाले नहीं हैं। ये उसकी चूक है। हम तो सबसे ज्यादा किसी चीज से मोहब्बत करते हैं, तो वो शहादत की मौत है। गोली खाते हैं, तो हम कहते हैं कि जब भी दुश्मन की गोली आए, तो हमारे सीने में लगनी चाहिए।‘
पाकिस्तान में भूकंप के बाद न्यूक्लियर टेस्ट को लेकर उठे थे सवाल 10 और 12 मई को पाकिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर तरह-तरह के दावे किए जाने लगे। लोगों ने लिखा कि ये प्राकृतिक भूकंप नहीं है, मुमकिन है कि पाकिस्तान न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा है।
हालांकि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के डायरेक्टर ओपी मिश्रा ने न्यूक्लियर टेस्ट के दावों को खारिज कर दिया था। उनका कहना है कि नेचुरल भूकंप और परमाणु विस्फोट अलग-अलग होते हैं। न्यूक्लियर टेस्ट का असर सीमित दायरे में होता है।
सैफुल्लाह ने ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकी मुदस्सर को शहीद बताया सैफुल्लाह ने ऑपरेशन सिंदूर का नाम लिए बिना उस दिन का जिक्र किया। उसने कहा- ‘वो 7 मई का दिन था। मेरे बहुत ही प्यारे सगे भाइयों से बढ़कर मुदस्सर शहीद हुए थे। जनाजा अलाहाबाद आ रहा था, लेकिन मुदस्सर के जनाजे में शरीक होने की इजाजत नहीं मिल रही थी। वो मेरे लिए बहुत मुश्किल दिन था। उस पूरे दिन मेरा दिल रोता रहा।‘
मुदस्सर कादियान लश्कर का बड़ा आतंकी था। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, तब उसे भी मार गिराया था। इसके जनाजे में पाकिस्तानी आर्मी के बड़े-बड़े अधिकारी और नेता शामिल हुए थे।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों को सैफुल्लाह बार-बार शहीद बताता है। उसने कहा-
शहीदों की शहादतों ने 25 करोड़ पाकिस्तानियों को शीशा पिलाई हुई दीवार बना दिया है। सबसे पहले मैं ऐलान करता हूं कि पाकिस्तान के अलाहाबाद में मरकजी मुस्लिम लीग की तरफ से मुदस्सर के नाम पर मरकज और अस्पताल बनाएंगे।
उसने ये भी कहा कि इन शहीदों ने हमें जीने और दुश्मनों के सामने सीना तानने का तरीका सिखा दिया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान PoK में मारे गए आतंकियों के जनाजे में पाकिस्तान पुलिस और सेना भी नजर आई।
‘भारत के PM से मुकाबला करना है, अगला चुनाव लड़ूंगा’ अपने भाषण में सैफुल्लाह ने बार-बार भारत और PM नरेंद्र मोदी का जिक्र किया। उसने 12 बार PM मोदी का नाम लिया। उसने कहा- ‘दुश्मन ने एक महीने में कसूर का इतना नाम लिया है कि पूरी दुनिया में इसका नाम हो रहा है। आज सारी दुनिया कसूर को जान गई है।’
‘अगर कसूर वाले इजाजत दें तो मैं अगला इलेक्शन नरेंद्र मोदी के मुकाबले ही लड़ लूंगा।‘ इस बात पर भारत के खिलाफ नारे लगने लगे।
फिर वो अपने बचपन की बात करता है, जब वो 4 साल का था। उस वक्त पाकिस्तान से बांग्लादेश अलग हुआ था। सैफुल्लाह धमकी देते हुए कहता है- ‘हम ऐलान करते हैं कि हमने उस बात का बदला ले लिया है। 10 मई की सुबह हमने अखंड भारत के नजरिए को डुबो दिया।‘
ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पाकिस्तान ने 10 मई को ऑपरेशन ‘बनयान अल-मरसूस’ चलाया था। हालांकि ये ऑपरेशन सिर्फ 8 घंटे ही चला। सैफुल्लाह उसी का जिक्र कर रहा है।
पाकिस्तान के लाहौर में मरकजी मुस्लिम लीग की तरफ से सभी पार्टियों के साथ मिलकर यौम-ए-तकबीर जलसे का आयोजन किया गया।
भारत पर साइबर अटैक का दावा सैफुल्लाह ने एक और बड़ा दावा किया। उसने पाकिस्तान के DG-ISPR (Director General of Inter-Services Public Relations) का जिक्र किया, जिसका प्रमुख अहमद शरीफ चौधरी है। ये अल कायदा के आतंकी रहे बशीरुद्दीन का बेटा है और भारत के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने में माहिर है।
इससे बातचीत के आधार पर सैफुल्लाह ने दावा किया, ‘मैंने DG-ISPR की बात सुनी। पता चला कि हमारी साइबर टीम ने हिंदुस्तान कम्युनिकेशन, एनर्जी, रेलवे और बाकी कई वेबसाइट्स पर साइबर हमले किए।70% हिंदुस्तान को अंधेरे में डुबो दिया। उनके कई सिस्टम पूरी तरह बर्बाद कर दिए। मैं उन साइबर एक्सपर्ट नौजवानों को शाबासी देता हूं।’
‘हम कश्मीरियों के साथ, इससे पाकिस्तान ताकतवर बनेगा’ सैफुल्लाह आगे मुंबई में हुए 26/11 हमले का जिक्र करता है। फिर पाकिस्तान सरकार की बात करते हुए कहता है कि अगर हमारे हुक्मरान कश्मीर के साथ खड़े हो जाएंगे, तो हमारे सारे मसले हल हो जाएंगे।
हम अपने कश्मीरी भाइयों के साथ खड़े हैं। हमारे हुक्मरानों डटकर कश्मीरियों के साथ खड़े हो जाओ। तब हमारा पाकिस्तान पूरी दुनिया में ताकतवर बन जाएगा।
भारत को धमकी- पानी बंद किया तो, दरियाओं में खून बहेगा जलसे के दौरान बीच-बीच में मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद की आवाज में तैयार थीम सॉन्ग बजाया गया। इसमें कहा गया, ‘अगर तू पानी बंद करेगा, इंशाअल्लाह हम तेरी सांसें बंद करेंगे। इन दरियाओं में खून बहेगा।‘
यौम-ए-तकबीर में हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद भी पहुंचा। इसने सैफुल्लाह खालिद से पहले लोगों से बात की। करीब 15 मिनट के भाषण में उसने भारत के खिलाफ ही बातें कहीं।
10 मई के ऑपरेशन का जिक्र हाफिज तल्हा ने बार-बार ऑपरेशन ‘बुनियान-अल-मरसूस’ का जिक्र किया। ये ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत के खिलाफ पाकिस्तान के ऑपरेशन का नाम है। हालांकि बुनियान-अल-मरसूस का जिक्र कुरान शरीफ की एक आयत में है। इसका मतलब है कि अगर तुम अल्लाह से प्यार करते हो, तो एक ठोस दीवार की तरह खड़े रहो।
हाफिज तल्हा ने इसका मतलब समझाते हुए कहा कि अल्लाह उन लोगों से मोहब्बत करता है, जो अल्लाह के रास्ते में जिहाद करते हैं। ये कलाम है। मुल्कों के बदलने से कलाम नहीं बदलता है। बल्कि शीशा पिलाई दीवार की तरह मजबूत रहता है।
इस दौरान हाफिज तल्हा ने दावा करते हुए कहा कि 10 मई को भारत सरकार 2 घंटे की जंग बर्दाश्त नहीं कर पाई क्योंकि हम बुनियान-अल-मरसूस बनकर खड़े रहे। आगे उसने ये भी कहा कि 10 मई के दिन भारत को दुनिया भर में रुसवा होना पड़ा।
आतंकी हाफिज सईद खुफिया जगह छिपा हाफिज तल्हा सईद का एक इंटरव्यू भी सामने आया है। इसमें हाफिज तल्हा सईद से पूछा गया कि क्या किसी मोड़ पर पाकिस्तान हाफिज सईद को भारत को सौंप सकता है। इस पर तल्हा ने कहा कि पाकिस्तान हुकूमत ऐसा कदम नहीं उठा सकती है क्योंकि उन पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं। उसके कोई सबूत नहीं है।
हाफिज सईद अभी जेल में है या नजरबंद। तल्हा ने इसका सीधा जवाब नहीं दिया। वो गिरफ्तार और नजरबंद की बात टाल देता है। बस इतना कहता है कि वो महफूज हैं। सेहतमंद हैं यानी इससे साफ है कि हाफिज सईद जिंदा है और किसी खुफिया जगह पर छिपा है।
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