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पहलगाम हमले में 3 गुजराती मृतकों का अंतिम संस्कार: अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग, मृतक के मासूम बेटे ने बयां की घटना – Gujarat News


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मृतकों का आज गुरुवार को अंतिम संस्कार किया जा रहा है। गुजरात के भावनगर में मृतक पिता यतीशभाई सुधीरभाई परमार और बेटे स्मित यतीशभाई परमार का अंतिम संस्कार हो गया है। सूरत में मृतक शैलेशभाई क

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तीनों गुजरातियों के शव हवाई मार्ग से गुजरात लाए गए हैं। मृतक युवक शैलेशभाई कलथिया का सूरत में और मृतक पिता यतीशभाई सुधीरभाई परमार और बेटे स्मित यतीशभाई परमार का भावनगर में अंतिम संस्कार किया गया है। हजारों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। पाटिल ने भी दुख की इस घड़ी में परिवार को सांत्वना दी।

सूरत में मृतक शैलेशभाई कलथिया की पत्नी ने सीआर पाटिल के सामने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा- उन्होंने मुसलमानों को कुछ नहीं किया, सभी हिंदुओं को गोली मार दी और तब तक हंसते रहे जब तक वे मर नहीं गए। आप कश्मीर को बदनाम कर रहे हैं, लेकिन कश्मीर में कोई समस्या नहीं है। समस्या हमारी सरकार और सुरक्षा में है। वहां बहुत सारे पर्यटक थे लेकिन कोई सेना, पुलिस या चिकित्सा शिविर नहीं था। हम सरकार और सेना पर भरोसा करके टहलने गए थे, लेकिन सेना पूछ रही है कि तुम टहलने क्यों जा रहे हो। अगर हमारे अपने देश की सेना ऐसा कहेगी तो और कौन कहेगा?

मृतक शैलेश के 9 वर्षीय बेटे नक्श ने घटना का वर्णन इन शब्दों में किया… शैलेश कलथिया के बेटे नक्श ने हमले के समय की स्थिति बताते हुए कहा कि कश्मीर बहुत अच्छा है। हम लोग वहां घोड़े पर सवार होकर जा रहे थे। दस मिनट बाद आतंकवादी आ गए और हम सब छिप गए, लेकिन आतंकवादियों ने हमें ढूंढ लिया। हमने दो आतंकवादियों को देखा। उन्होंने कहा कि जो हिंदू हैं वे अलग हो जाएं और जो मुसलमान हैं वे अलग हो जाएं। फिर उन्होंने कलमा पढ़ने को कहा।

जिनकी पहचान मुस्लिम के रूप में हुई उन्हें छोड़ दिया गया और जो हिंदू थे उन्हें गोली मार दी। फिर वे लोग चले गए। हम सभी को भाग जाने को कहा गया। मुझे घोड़े पर बिठाया गया और मेरी बहन और मां पैदल चलीं। एक समय तो ऐसा लगा कि हमारी मौत निश्चित है। मेरी मां मेरे पिता को छोड़कर नहीं जाना चाहती थीं, लेकिन हमारी वजह से उन्हें हमारे साथ आना पड़ा। घटना के समय हम 20-30 लोग थे। सेना को इतनी बड़ी घटना की पूरी जानकारी नहीं थी। जबकि, नीचे पूरा सैन्य अड्डा था।

यतीश परमार पत्नी काजलबेन और बेटा स्मित। (यतीश और स्मित की मौत हो गई है)।

काजलबेन को आतंकियों ने छोड़ा भावनगर से 20 लोगों का एक ग्रुप जम्मू-कश्मीर गया था, जिसमें भावनगर के कालियाबीड़ क्षेत्र में रहने वाले यतीशभाई परमार, उनकी पत्नी काजलबेन और बेटा स्मित यतीशभाई शामिल थे। आतंकियों ने काजलबेन को छोड़ दिया, जबकि उनके पति और बेटे को गोली मार दी। भावनगर निवासी 45 वर्षीय यतीशभाई परमार कालियाबीड़ इलाके में हेयर सैलून चलाते थे। जबकि, उनका 17 वर्षीय बेटा स्मित 11वीं कक्षा का स्टूडेंट था।

मोरारी बापू की कथा में शामिल होने गए थे यतीशभाई के साले प्रकाशभाई ने बताया कि मेरी बहन-बहनोई बेटे स्मित के साथ श्रीनगर में हो रही मोरारी बापू की कथा में शामिल होने गए थे। यहां से वे घूमने-फिरने पहलगाम चले गए। हमें मीडिया से हमले की जानकारी मिली, लेकिन हमें यह नहीं पता था कि वे तीनों पहलगाम में ही हैं। सुबह जब मैंने मृतकों की लिस्ट देखी तो पता चला कि मेरे बहनोई यतीशभाई और मेरे भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।

अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

बर्थडे के एक दिन पहले ही शैलेष कलथिया की मौत कश्मीर में हुए हत्याकांड में सूरत के शैलेष कथलिया भी शामिल हैं। सूरत के चिकुवाड़ी स्थित हरिकुंज सेक्शन-2 में रहने वाले शैलेषभाई पत्नी और बेटा-बेटी के साथ कश्मीर पहुंचे थे। परिवार आज उनका बर्थडे सेलिब्रेट करने वाला था, लेकिन एक दिन पहले ही वे आतंकियों की गोलियों का शिकार हो गए। शैलेषभाई चार बहनों के इकलौते भाई थे। पिता गांव में रहते हैं, जबकि मां का निधन हो चुका है। शैलेशभाई पिछले 1 साल से मुंबई में बैंक ऑफ बड़ौदा में काम कर रहे थे और अपने परिवार के साथ वहीं रहते थे। इससे पहले वे 9 साल तक वडोदरा की बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत थे।

बच्चों और पत्नी शीतलबेन के साथ मृतक शैलषभाई की फाइल फोटो।

भावनगर के विनुभाई डाभी के हाथ में गोली लगी आतंकियों की गोलीबारी में भावनगर के विनुभाई डाभी घायल हुए हैं। उनके हाथ में गोली लगी है। इलाज के बाद अब उनकी हालत में सुधार है। इस बारे में उनके बेटे अश्विन ने कहा- 16 तारीख को पापा 15 दिनों के टूर पर जम्मू-कश्मीर गए थे। वहां, मोरारी बापू की कथा भी। इसलिए उन्होंने कथा में शामिल होने के बाद जम्मू-कश्मीर घूमने का प्लान बनाया था।

टूर के आखिरी सफर में वे वैष्णो देवी, पंजाब और राजस्थान होते हुए 30 अप्रैल को भावनगर वापस आने वाले थे। मुझे जानकारी मिली है कि अचानक हुई गोलीबारी में वे घायल होकर गिर गए थे। उनके दाहिने हाथ में गोली लगी थी। इलाज के बाद उनकी हालत स्थिर है।



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