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हर किसी के जिंदगी में एक सपना अपना आशियाना बनाने का होता है मगर अब यह बनाना महंगा हो गया है। अब भवन निर्माण सामग्री में भी तेजी देखी जा रही है। सिमेंट पर करीब 50 रुपये बढ़े हैं, तो ईंट रेता व क्रेशर के दामों भी अच्छी खासी उछाल आई है। ऐसे में आम आदमी के लिए अपना आशियाना बनाना कठिनाई भरा नजर आ रहा है। महंगाई बढ़ने से बिल्डिंग मटेरियल सप्लायरों व ट्रेडर्स का काम भी धीमा हो गया है। बढ़ी हुई कीमतों के कारण घर बनाने के इच्छुक लोग अपने विचारों को बदलकर कीमतों के घटने का इंतजार कर रहे है। भवन निर्माण सामग्री के भाव बढ़ रहे हैं। मौजूदा समय में ईंट से लेकर रेत, सीमेंट, सरिया व अन्य सामग्री के दाम बढ़ गए हैं। इससे सबसे अधिक आवास योजना के लाभुकों पर असर पड़ रहा है। निर्माण सामग्री विक्रेताओं के अनुसार अभी कुछ दिनों तक राहत मिलने की उम्मीद नहीं है बल्कि वृद्धि होने की संभावना बनी हुई है। इससे जहां आम व्यक्ति परेशान हैं वहीं शहर के उन बड़े व्यापारियों की चांदी हो गई। जिनका निर्माण सामग्री नहीं बिकने पर स्टॉक पड़ा हुआ था। उन्होंने पिछले दामों में आई सामग्री को महंगे दामों में बेचना भी शुरू कर दिया है।
पांच वर्षों में इतना बढ़ गया भाव : लॉकडाउन के बाद वर्ष 2020,21 में ईंटों के भाव प्रति हजार 5200 रुपये थे जो अब बढ़कर 7500 रुपए तक पहुंच गए हैं। सरिया प्रति क्विंटल 4700 रुपये से 6500 रुपये तक पहुंच गये हैं। सीमेंट का भाव प्रति बैग 50 रुपये महंगा हुआ है। निर्माण में प्रयोग होने वाला बालू पांच वर्ष पहले 700 से 800 रुपए मिलता था जो अभी प्रति ट्रैक्टर 2500 से 3000 रुपये मिल रहा है। क्रेशर 100 सीएफटी का दाम 3000 से 3500 रुपये होता था जो अभी 5000 से 5500 तक मिल रहा है।
भवन निर्माण ठेके पर लेने वालों को हो रहा है नुकसान : निर्माण ठेकेदार मेहंदी हसन ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना में निर्माण सामग्री के दाम बढ़ रहे हैं। इसी के साथ लेबर के दर में भी बढ़ोतरी हुई है। जिससे ठेके पर लिए गये कार्य नहीं हो पा रहे हैं। काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। जबकि अभी दाम में और उछाल आने की संभावना है। भवन निर्माण सामग्री के विक्रेता विनय अग्रवाल, आनंद अग्रवाल और अनिल साहू ने बताया कि निर्माण सामग्री महंगी होने का कारण युद्ध सहित पेट्रोल, डीजल सहित अन्य कच्चे सामान के भाव बढ़ने व लेबर नहीं मिलना है।
5 से 10 लाख में बढ़ गए भाव भवन बनाने में : शहर के न्यू रोड स्थित ए एच ग्रुप आर्टिटेक के संचालक अताउल हक ने बताया कि बीते पांच वर्षों में सामान के दाम में काफी बढ़ोतरी हुई है। बताया पांच वर्ष पूर्व जिस पांच डिसमिल जमीन में घर बनाने में 20 लाख खर्च होते थे उसमें अभी 30 लाख तक खर्च हो रहे है।