नियंत्रक महालेखा परीक्षक श्याम सुंदर दुबे ने कहा है कि पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) जैसी सशक्त प्रणाली से योजनाओं का दो बार या अधिक लाभ पाने वाले फर्जी लाभार्थियों को समाप्त कर अब तक लगभग 3.48 लाख करोड़ रुपए की बचत की गई है।
.
पीएफएमएस की पारदर्शिता और दक्षता के साथ बजट के वितरण में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है। पीएफएमएस एक सुदृढ़ नेटवर्क प्रणाली है जो विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, बैंकों, भारतीय रिजर्व बैंक और नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं से जुड़ी हुई है।
दुबे ने कहा कि लोक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) पर पहले क्षेत्रीय सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे दुबे ने प्रशासन अकादमी में ये बातें कहीं। सम्मेलन में मध्यप्रदेश, बिहार, ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
एसएनए स्पर्श प्रणाली डिजिटल इंडिया के विजन की दिशा में बड़ा कदम-जैन
इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने SNA-SPARSH प्रणाली के माध्यम से पीएफएमएस की उस भूमिका की सराहना की जिसके अंतर्गत सरकार को संचित राशि के निष्क्रिय रूप से रखे जाने के लिए ऋण लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
मुख्य सचिव जैन ने कहा कि पीएफएमएस आधुनिक सार्वजनिक वित्त प्रबंधन का आधार बन चुका है जिससे राज्य सरकारें जन-कल्याणकारी योजनाओं को तेजी, पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में सक्षम हुई हैं। उन्होंने PFMS, RBI और राज्य सरकारों के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए इसे डिजिटल इंडिया के विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
सम्मेलन में पीएफएमएस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके विभिन्न मॉड्यूल्स पर प्रस्तुतियां दीं। सम्मेलन में राज्य वित्त विभाग, कोषालय लेखा निदेशालय और विभिन्न राज्य सरकारों के विभागों एवं मंत्रालयों के अधिकारी सम्मिलित हुए। प्रतिभागियों को SNA-SPARSH, DBT और DBT-SPARSH जैसे मॉड्यूल्स की नवीनतम कार्यप्रणालियों की विस्तृत जानकारी दी गई।
यह सम्मेलन कार्यान्वयन एजेंसियों, सरकारी विभागों तथा प्रत्यक्ष लाभार्थियों से सुझाव प्राप्त कर पीएफएमएस प्रणाली में सुधार की दिशा में मार्ग प्रशस्त करने का एक मंच सिद्ध हुआ। सम्मेलन के दौरान विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों को SNA-SPARSH से संबंधित तकनीकी प्रश्नों के समाधान भी प्रदान किए गए। निकट भविष्य में इस प्रकार की क्षेत्रीय सम्मेलन विभिन्न राज्यों में आयोजित किए जाएंगे।