छत्तीसगढ़ कोयला घोटाले मामले में भगोड़े घोषित आरोपियों ने गिरफ्तारी से बचने के रायपुर के स्पेशल कोर्ट में आवेदन पेश किया है। उनके आवेदन पर मंगलवारो को ED कोर्ट में सुनवाई हुई । वही कोर्ट इस मामले में 25 जनवरी तक फैसला सुरक्षित रखा है।
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ED कोर्ट में यह आवेदन पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, कांग्रेस नेता आर पी सिंह, विनोद तिवारी और पीयूष साहू ने लगाया है। वही मंगलवार बहस के दौरान ED के वकील ने आरोपियों का आवेदन खारिज कर जमानत नहीं देने की मांग की गई है।
समंस और वारंट के बाद भी नहीं आते थे कोर्ट
ED के वकील सौरभ पाण्डेय ने पक्ष रखने हुए कहा है कि पूर्व में कोर्ट के समंस और बेलेबल वारंट के बाद देढ़ साल से नही आ रहे थे। ये शहर में घूमते नजर आते थे। लेकिन कोर्ट के समंस पर अपीयर नहीं हुए है। ऐसी स्थिति में उनकी ओर से धारा 88 CRPC के तहत पेश किए गए आवेदन को रिजेक्ट करने की मांग की गई है।
भगोड़ा घोषित करने के बाद लगाया आवेदन
ED के वकील ने सौरभ पाण्डेय ने बताया कि चार आरोपियों ने स्वंय के मुचलके पर जमानत के लिए आवेदि किया है। लेकिन पिछले देढ़ साल से ये उपस्थित नहीं हो रहे थे। कोर्ट ने कई बार समंस गया और बेलेबल वारंट जारी किया गया ।
इसके बाद भी जब हमने कोर्ट में Proclamation Section 82 के तहत आवेदन पेश किया था। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए उन्हें भगोडा घोषित किया था। भगोड़ा घोषित करने के दौरान जो प्रचार प्रसार प्रसार की कार्रवाई हो गई थी। उसके बाद उन्हें समझ आया कि उनकी कही भी किसी भी समय अरेस्टिंग हो जाएगी। ये लोग गिरफ्तारी से बचने के लिए धारा 88 के तहत आवेदन लगाया है। से आवेदन आवेदन पेश गया । जिसके खिलाफ हमने विरोध किया है।
सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का सहारा लेकर लगाया आवेदन
ED के वकील सौरभ ने बताया कि ये सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट तारसेम लाल का सहारा लेते हुए कोर्ट में आवेदन थे।तारसेम लाल के जजमेंट में सुप्रीम कोर्ट ने आर्डर किया है कि किसी इन्वेस्टीगेशन के दौरान अगर कोई एजेसी पूछताछ के लिए किसी को बुलाती है। और उसके बाद उसे अरेस्ट नहीं करती है। लेकिन अपने चालान कोर्ट में फाइल करती है और उसे आरोपी बनाती है ऐसी स्थिति में जब उस व्यक्ति को कोर्ट का समंस जारी हो तो वह कोर्ट में आकार धारा 88 का आवेदन पेश कर स्वयं के मुचलके पर जमानत लेकर छूट सकता है।
ED ने आवेदन निरस्त करने की लगाई गुहार
ED के वकील ने बताया कि ये उनके लिए है जिन्हें कोर्ट ने समंस दिया और उन्होनें पहली फुर्सत में सेक्शन 88 के तहत आवेदन पेश किया हो। लेकिन कोल घोटाले केस में लगातार पूर्व विधायक चंद्रदेव राय, कांग्रेस नेता आर पी सिंह, विनोद तिवारी और पीयूष साहू समंस भेजा गया । ये लोग हीला हवाला करते रहे और जान बूझ कर उसे प्राप्त नहीं किया।
इसके अलावा कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया लेकिन वारंट तामिली नही कराते रहे इसलिए हमने भगोड़ा घोषित करने को लेकर कार्रवाई की है। ऐसे में देरी से आने की स्थिति में ये आर रहे है तो यह नहीं माना जा सकता है कि इनका कोई सदभाविक प्रयास था। ऐसा तर्क देकर हमनें न्यायालय से उनका आवेदन निरस्त करने की गुहार लगाई है।