RJD के पूर्व MLC सुनील सिंह का 4/20 मंत्री आवास, गर्दनीबाग को जबरन खाली कराया गया है। इस दौरान रविवार को मजिस्ट्रेट और जिला प्रशासन पुलिस की तैनाती रही। विभाग का कहना है कि विधान परिषद के सदस्य नहीं रहने पर उनका बंगला खाली कराया जा रहा है।
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सुनील सिंह ने कहा कि आवास खाली करने से मैं निहोरा नहीं करने वाला आपसे (नीतीश जी) तुम्हीं हो माता च पिता तुम्ही हो नहीं करूंगा। मेरा आवास खाली करवा देने से मैं चुप नहीं बैठने वाला हूं।
आगे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि द्वेष की भावना से उनकी ओर से ये काम किया गया है। बंगला खाली कराने के दौरान घर पर कोई नहीं था। मेरे सामान को घर के बाहर फेंक दिया गया। मुझे इसकी सूचना मिली तब मैं पहुंचा।
सुनील सिंह ने कहा कि जिस दौरान बंगला खाली हुआ, हम में से कोई नहीं था।
कहा कि मैं विधान परिषद में सत्ता की गलतियों को उजागर करता था इसलिए ऐसे किया गया है। बंगले का नल भी खराब होता था, तो विभाग को बदलने में एक महीना लगता है। सत्ता पक्ष के कई लोग कई सरकारी आवास में रहते हैं, जो उसके हकदार नहीं है।
नीतीश कुमार के खिलाफ मुखर रहे हैं सुनील सिंह
लालू यादव के करीबी होने के साथ ही राबड़ी देवी सुनील सिंह को राखी भी बांधती हैं। नीतीश कुमार के खिलाफ मुखर नेता रहे हैं। महागठबंधन सरकार के समय कई बार तो बिना नाम लिए ही वे नीतीश कुमार पर तंज कसते रहे हैं। पिछले साल बजट सत्र के दौरान 13 जनवरी 2024 को विधान परिषद के अंदर सुनील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश के खिलाफ ‘पलटू’ शब्द का इस्तेमाल किया था। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ था।
सीएम पर टिप्पणी करने से हुई थी सदस्यता समाप्त
विधान परिषद में नीतीश कुमार के खिलाफ बोले गए शब्दों को अमर्यादित आचरण माना और सुनील कुमार सिंह से खेद प्रकट करने को कहा गया था। सुनील सिंह ने कोई खेद प्रकट नहीं किया। इसके बाद 26 जुलाई 2024 को सभापति ने सुनील कुमार सिंह की सदस्यता समाप्त कर दी थी।
सुनील सिंह के साथ कारी सोहेब पर भी अमर्यादित आचरण का आरोप लगा था। जब परिषद के अंदर सभापति सुनवाई कर रहे थे तो उस दौरान कारी सोहेब ने अपने आचरण के लिए खेद प्रकट किया था। इसके बाद उन्हें इस मामले से बरी कर दिया गया था। हालांकि उन्हें सदन की कार्रवाई से दो दिन के लिए निलंबित किया गया था। फिलहाल पूर्व MLC सुनील कुमार सिंह की सदस्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला है।