प्रांतीय कुशवाहा समाज भवन, जिसे लेकर समाज के बच्चों और प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा के प्रयासों से एक नई उम्मीद जगी है, अब सरकारी कब्जे में आ गया है। 12 दिसंबर 2024 को शासन ने इस भवन पर अपनी मोहर लगा दी और अब यह भवन प्रदेश के बच्चों के लिए एक
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दरअसल, इस भवन का कब्जा पहले भगत सिंह कुशवाहा के पास था, जिन्होंने 2011 से इसे किराए पर लेकर अवैध रूप से गर्ल्स हॉस्टल चला रखा था, जिसमें समाज के बच्चों का कोई भी ठिकाना नहीं था। यहां पर कई आपत्तिजनक सामान भी पाया गया, जिससे समाज में नाराजगी फैल गई।
प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा ने 2019 में चुनाव जीतने के बाद इस भवन को समाज के बच्चों के लिए आरक्षित करने की लड़ाई शुरू की थी। उनका मानना था कि प्रदेश के बच्चे जब भी भोपाल में किसी परीक्षा या इलाज के लिए आते हैं, तो उन्हें यहां रहने की बेहतर व्यवस्था मिलनी चाहिए। कई बार, बच्चे एग्जाम के एक हफ्ते पहले ही यहां आकर पढ़ाई करने के लिए ठहरते हैं और योगेश मानसिंह कुशवाहा अपने निजी खर्चे पर उनकी सारी व्यवस्था करते हैं। इसके लिए उन्होंने एक फ्लैट भी किराए पर लिया था, लेकिन अब यह भवन मिलने से बच्चों को बड़ी राहत मिली है।
अब भवन शासन के कब्जे में है, और इससे प्रदेशभर के बच्चों में उत्साह का माहौल है। बच्चे आशान्वित हैं कि वे भी भोपाल में आकर पढ़ाई कर सकेंगे, और समाज के अध्यक्ष के प्रयासों से उन्हें एक सुरक्षित और समर्पित स्थान मिलेगा।