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फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरता खत्म होती: उमरिया में कृषि वैज्ञानिकों ने कहा- नरवाई से जैविक खाद बनाएं, खेतों में करें इस्तेमाल – Umaria News



डॉक्टर धनंजय सिंह कृषि वैज्ञानिक उमरिया।

उमरिया में शुक्रवार को गेहूं की कटाई के बाद किसानों ने नरवाई जलाने की समस्या सामने आई है। कृषि विज्ञान केंद्र उमरिया के वैज्ञानिक डॉ. धनंजय सिंह ने बताया कि कंबाइन हार्वेस्टर से फसल काटने के बाद खेतों में बचे अवशेष को किसान जला देते हैं। दूसरी फसल बो

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नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण की संभावना

वैज्ञानिकों के अनुसार, नरवाई जलाने से कई नुकसान होते हैं। इससे वायु प्रदूषण बढ़ता है। खेत की जैव विविधता नष्ट होती है। मिट्टी में मौजूद लाभदायक बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीव मर जाते हैं। इन सबका सीधा असर भूमि की उपजाऊ क्षमता पर पड़ता है।

डॉ. सिंह ने किसानों को सलाह दी है कि वे नरवाई को जलाने की बजाय इससे जैविक खाद बनाएं। इस खाद के इस्तेमाल से मिट्टी को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे और फसल की पैदावार भी बेहतर होगी।



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