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नव वर्ष जहां एक ओर सूबे के एक लाख सतासी हजार शिक्षकों के घर खुशियां लेकर आया था वहीं ईद आते आते शिक्षकों के चेहरे पर हताशा और निराशा छाने लगी है। तीन महीने पूरे होने को है लेकिन अभी तक विभिन्न प्रकार के अड़चनों के कारण शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। एक लंबे संघर्ष के बाद स्थानीय निकाय के शिक्षक विशिष्ट शिक्षक के रूप में राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त किए थे लेकिन उन्हें राज्यकर्मी का वेतन कब मिलेगा इसकी जानकारी शायद ही किसी को हो। शिक्षा विभाग के स्तर से पत्र निर्गत कर वेतन भुगतान का आदेश तो दिया जा रहा है लेकिन जिस गति से कार्य किया जाता है और जिस प्रकार से स्थानीय स्तर के पदाधिकारी उच्चाधिकारियों के पत्र को तवज्जो देते है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक आधे शिक्षकों को भी वेतन प्राप्त नहीं हो सका है। होली के रंग तो पहले ही फीकी हो चुकी है अब ईद पर भी वेतन मिलेगा कि नहीं इसकी कोई गारंटी सुनिश्चित होते नहीं दिख रही है। इस पूरे प्रकरण पर बयान जारी करते हुए बिहार स्टेट टीचर्स एसोसिएशन गोपगुट के जिलाध्यक्ष वसी अख्तर, जिला प्रवक्ता वजहुल कमर, जिला महासचिव सत्यनारायण यादव एवं जिला उपाध्यक्ष राकेश कुमार रंजन ने बताया कि संघ के स्तर से कई बार प्रयास किया गया है लेकिन उसका असर जमीनी स्तर पर शून्य साबित हो रही हैं। शिक्षकों की होली पहले ही फीकी हो चुकी है अब ईद के अवसर पर भी शिक्षा विभाग उनके चेहरे पर मुस्कान ला पाएगा या नहीं यह संशय की बात है। एक ओर जहां शिक्षक हताश और निराश है वहीं दूसरे ओर विभागीय पदाधिकारी पत्र निकाल निकाल कर उनका मजाक उड़ाते हैं।