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फ्रांस के मायोट में 100 साल में सबसे बड़ा तूफान: 1000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका; लोग बोले- ये परमाणु बम जैसा


पेरिस27 मिनट पहले

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मायोट द्वीप समूह में शानिवार (14 दिसंबर) को आए चक्रवाती तूफान ने जमकर तबाही मचाई है।

हिंद महासागर के द्वीप मायोट में आए एक चक्रवात ‘चिडो’ ने भारी तबाही मचाई है। CNN के मुताबिक चक्रवात के दौरान 225 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिसकी वजह से दर्जनों बस्तियां पूरी तरह से बर्बाद हो गईं।

चिडो को मायोट में पिछले 100 सालों में आया सबसे भीषण तूफान बताया जा रहा है। ऐसी आशंका है कि कम से कम 1,000 लोग मारे गए हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है। इस तूफान ने इतनी तबाही मचाई है कि लोग इसकी तुलना परमाणु बम से कर रहे हैं।

मायोट अफ्रीका के पूर्वी तट से दूर हिंद महासागर में, मेडागास्कर के ठीक पश्चिम में स्थित है। इस पर फ्रांस का कब्जा है। यह यूरोपीय देश से 7,837 किमी दूर है। फ्रांस से आए बचाव दल सहित बचावकर्मी मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटे हैं।

मैप में मायोट की लोकेशन देखें…

5 फुटेज में चिडो चक्रवात के बाद के हालात…

मायोट में चिडो चक्रवात के बाद कारों की स्थिति।

चिडो चक्रवात से मायोट में कई जगहों पर सड़कें टूट गई हैं।

लेवल-4 का तूफान, मेडागास्कर से मोजाम्बिक तक तबाही मचाई फ्रांस के मौसम विभाग के मुताबिक चिडो लेवल-4 का तूफान था जो शनिवार-रविवार को दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर से गुजरा। पहले इसने मेडागास्कर में तबाही मचाई लेकिन सबसे ज्यादा असर मायोट में पड़ा। इसके बाद यह मोजाम्बिक की तरफ बढ़ गया। फिलहाल तूफान कमजोर पड़ गया है।

मायोट के अधिकारियों ने कहा कि चक्रवात से बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। बिजली व्यवस्था ठप हो गई है। सड़कें टूट गई हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

मायोट की आबादी 3 लाख 20 हजार है। इसमें से हजारों लोग खाना, पानी और रहने की समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों को 3 दिनों से पानी तक नहीं मिला है और भुखमरी के हालात पैदा हो गए हैं

मायोट यूरोपीय संघ का सबसे पिछड़ा इलाका

मायोट के ममूदजौ निवासी मोहम्मद इस्माइल ने रॉयटर्स से कहा-

ऐसा लगता है कि हम परमाणु दौर के बाद वाले दौर में पहुंच गए हैं। मैनें अपने सामने एक पूरा मोहल्ला गायब होते देखा है।

फ्रांस की सेना की हवाई फुटेज में गांवों को मलबे में तब्दील होते हुए दिखाया गया है। फ्रांस के गृह मंत्रालय के मुताबिक मायोट यूरोपीय संघ का सबसे गरीब इलाका है। मायोट करीब 1 लाख अवैध प्रवासियों का घर है, जहां 77% लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोशल मीडिया पर कहा कि वे मायोट की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। वहीं, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि इस भयावह संकट में यूरोप मायोट के लोगों के साथ खड़ा है और यूरोपीय संघ आने वाले दिनों में सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

इस बीच फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो सोमवार को मायोट का दौरा कर प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से मिलने की तैयारी कर रहे हैं।

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