नई दिल्ली5 मिनट पहले
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पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने 10 सितंबर को सुनवाई टाल दी थी।
दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल को राज्य सरकार और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द कर दी थी। इन्हें 2016 में अपॉइंट किया गया था। कोर्ट ने कर्मचारियों को 7-8 साल के दौरान मिली सैलरी 12% इंटरेस्ट के साथ लौटाने के निर्देश भी दिए थे।
इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में 33 याचिकाएं लगाई गई हैं। आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं में बंगाल की ममता सरकार की याचिका भी शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को सुनवाई में सभी नियुक्तियों को रद्द करना नासमझी बताया था और कहा था कि वैध और अवैध भर्तियों को अलग करने की जरूरत है।
29 अप्रैल: कोर्ट रूम में CJI की 3 टिप्पणियां
- ओएमआर शीट नष्ट कर दी गईं। क्या ऐसे में सही तरह से किए गए अपॉइंटमेंट को अलग किया जा सकता है।
- यह सारी चीजें आपको बतानी होंगी कि क्या अब जो दस्तावेज मौजूद हैं, उनके आधार पर सही और गलत नियुक्तियों को अलग-अलग किया जा सकता है। यह पता लगाया जा सकता है कि इस घोटाले का फायदा किसे पहुंचा।
- 25 हजार बहुत बड़ी संख्या है। 25 हजार नौकरियां ले ली गईं, ये बड़ी बात है, जब तक कि हम यह ना जान लें कि सब कुछ धोखाधड़ी से भरा हुआ था। हम इस पर 6 मई को सुनवाई करेंगे।