35 मिनट पहले
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रूस की सरकार एक नया कानून लाने जा रही है। इस कानून के तहत देश में बच्चा पैदा न करने के लिए प्रोत्साहित करने पर पाबंदी होगी। किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसा कोई भी कंटेंट नहीं चलाया जा सकेगा जो लोगों को बच्चे पैदा करने से रोकता हो।
रूस की संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने 12 नवंबर को इससे जुड़े प्रस्ताव को पास भी कर दिया है। अब इसे 20 नवंबर को ऊपरी सदन में पेश किया जाएगा। यहां से पास होने के बाद इस व्लादिमिर पुतिन की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। पुतिन की मंजूरी मिलने के बाद यह कानून अमल में आएगा।
दरअसल, रूस अपनी लगातार घटती आबादी से परेशान है। जून में देश में पैदा हुए बच्चों की संख्या 1 लाख से भी कम रह गई। यूक्रेन जंग के बाद रूस के 6 लाख से ज्यादा लोग मारे गए है या अपंग हुए हैं। इससे जनसंख्या पर और भी बुरा असर पड़ा है।
इससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। इससे उभरने के लिए रूस की सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। बच्चे पैदा करने के लिए लाखों रुपए भी दिए जा रहे हैं।
‘बच्चे पैदा न करना पश्चिम का प्रोपेंगैंडा’
रूस की सरकार ने बच्चे पैदा न करने के विचार को पश्चिमी देशों का लिबरल प्रोपेगैंडा बताया है। रूस का मानना है कि नए कानून से इस प्रोपेगैंडा को रोकने मे मदद मिलेगी। नए कानून में बच्चे पैदा न करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले व्यक्ति पर 3 लाख रुपए और संगठन पर 40 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
संसद स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोडिन ने कानून पर बात करते हुए कहा –
बच्चों के बिना, कोई देश नहीं रहेगा। इस विचारधारा के कारण लोग बच्चे पैदा करना बंद कर देंगे।
ड्यूमा ने उन देशों से बच्चों को गोद लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया, जिनमें जेंडर चेंज कराने की अनुमति है।
सेक्स मंत्रालय बनाने पर विचार कर रही है सरकार
मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक घटती जन्म दर को रोकने के लिए सरकार सेक्स मंत्रालय बनाने पर विचार कर रही है। इसके अलावा सरकार लोगों के सामने अजीब प्रस्ताव भी रख रही है। सरकार ने लोगों से ऑफिस में लंच टाइम में यौन संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा है।
मॉस्को में ऑफिस वर्क करने वाली महिलाओं को कुछ सवालों की लिस्ट दी जा रही है। इसमें उनके पीरियड साइकिल और निजी जीवन की जानकारी मांगी गई है। इसी पहल के तहत मॉस्को में 20 हजार महिलाओं के फ्री फर्टिलिटी टेस्ट भी करवाए गए हैं।
रूस के खाबरोवस्क प्रांत में 18 से 23 वर्ष की महिलाओं को बच्चे के जन्म पर 1 लाख रुपए का दिए जाएंगे। वहीं चेल्याबिंस्क में महिलाओं को पहले बच्चे के जन्म के लिए 9 लाख रुपए दिए जा रहे हैं
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रूस की न्यूज एजेंसी TASS के मुताबिक 9 नवंबर को पुतिन ने इस पर हस्ताक्षर किए। रूस की संसद ने भी इसे मंजूरी दे दी है। जिससे अब यह समझौता कानून बन गया है। इसके बाद 11 नवंबर को नॉर्थ कोरिया ने भी इस समझौते की पुष्टि कर दी है।
यह कोल्ड वॉर के बाद दोनों देशों के बीच होने वाला सबसे बड़ा समझौता है। इसके मुताबिक अगर दोनों में से किसी देश पर हमला होता है, तो एक-दूसरे को सैन्य मदद दी जाएगी। इसके बाद से रूस-यूक्रेन जंग में नॉर्थ कोरिया के शामिल होने के आसार बढ़ गए हैं। पूरी खबर पढ़ें…