रायपुर में बारिश नहीं होने से गर्मी बढ़ गई है। यहां मानसून पहुंचने में अभी कुछ और वक्त लग सकता है।
छत्तीसगढ़ में बीते 5-6 दिनों से मौसम ड्राई होने और बारिश नहीं होने से कई जिलों में तापमान चार डिग्री तक बढ़ गया है। ये ट्रेंड अगले दो से तीन दिन और बने रह सकता है। बता दें कि हफ्तेभर से मानसून नारायणपुर और कोंडागांव से आगे नहीं बढ़ पा रहा है। दरअसल,
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मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम और अरब सागर से आने वाली हवा में तीव्रता होने पर ही मानसून आगे बढ़ेगा। रायपुर में मानसून पहुंचने के लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ सकता है।
इस बीच मौसम विभाग ने आज बस्तर संभाग के बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर और सुकमा में थंडर स्टॉर्म का यलो अलर्ट जारी किया है। यहां गरज-चमक के साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। बिजली गिर सकती है। अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहेगा। शुक्रवार को राजनांदगांव 40.5°C के साथ सबसे गर्म रहा।
महासमुंद में 22 मिलीमीटर बारिश
बारिश की स्थिति की बात करें शुक्रवार को बस्तर में 10 MM, महासमुंद में 20 MM, जशपुर में 10 MM, और कोरिया में 10 MM बारिश हुई है।
सप्ताह भर में थम गया मानसून
पिछले सात दिन में बारिश की रफ्तार लगातार फ्लेक्चुएट होती रही है। जहां बीते बुधवार यानी 28 मई को 74 इलाकों में बारिश हुई है। गुरुवार 29 मई को सिर्फ 27 इलाकों में बारिश हुई है।
शुक्रवार को 25, शनिवार को 20, रविवार को 33 जगहों पर बारिश हुई। सोमवार को सिर्फ तीन जगहों और मंगलवार को केवल 1 ही जगह पर न्यूनतम 10 मिमी बारिश हुई। वहीं इस 4 मई बुधवार और 5 मई गुरुवार को कहीं भी बारिश नहीं हुई। इस शुक्रवार यानी 6 मई को पांच जिलों में बारिश हुई।
22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिमी बारिश
छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।
मई में 360% ज्यादा बारिश
मई के 31 में से 24 दिन बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और लगे हुए तटीय राज्यों में मजबूत सिस्टम बने। इन सिस्टम के कारण समुद्र से आने वाली नम हवा ने छत्तीसगढ़ में बारिश कराई। इस साल छत्तीसगढ़ में मई के महीने में 360 फीसदी अधिक बारिश हुई। लेकिन अब ये सिस्टम कमजोर पड़ गए हैं।
आमतौर पर मई के शुरुआती 20-25 दिन तेज गर्मी वाले होते हैं। इस दौरान दिन का तापमान अपने उच्चतम स्तर यानी 46-47 डिग्री तक पहुंच जाता है। छत्तीसगढ़ में दिन का औसत तापमान 38 डिग्री से ऊपर ही रहता है। दो-तीन दिन लू भी चलती है। इसके विपरीत इस साल पूरे महीने मौसम ठंडा रहा।
प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए
गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
- अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
- पेड़ों के नीचे न ठहरें।
- बिजली लाइन से दूर रहें।
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।
लंबा रह सकता है मानसून
मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।