ड्रिल में एसडीआरएफ के 14 और होमगार्ड के 6 जवानों ने हिस्सा लिया।
विदिशा के बांग्ला घाट पर एसडीआरएफ और होमगार्ड बलों ने बाढ़ आपदा से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य बारिश और बाढ़ के दौरान बचाव कार्यों की तैयारियों को परखना था।
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ड्रिल में एसडीआरएफ के 14 और होमगार्ड के 6 जवानों ने हिस्सा लिया। अभ्यास के दौरान तीन तरह के बचाव कार्य किए गए। पहला- पेड़ या ऊंचे स्थान पर फंसे व्यक्ति का रेस्क्यू। दूसरा- नदी के बीच बहते व्यक्ति को निकालना। तीसरा- गहरे पानी में डूबे व्यक्ति को स्कूबा डाइविंग से बाहर निकालना।
प्रशिक्षित स्कूबा डाइवर्स ने भी लिया भाग बचाव कार्य में सुजुकी मोटर बोट और रबर बोट का इस्तेमाल किया गया। होमगार्ड रश्मि दुबे के अनुसार, विदिशा के दो प्रशिक्षित स्कूबा डाइवर्स ने भी अभ्यास में भाग लिया। इन डाइवरों को पुणे से विशेष प्रशिक्षण मिला है।
तीन तरह के रेस्क्यू का हुआ प्रदर्शन।
घरेलू सामान से बचाई जा सकती है जान मौके पर बचाव उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें जीवन रक्षक जैकेट, राफ्ट और रेस्क्यू ट्यूब दिखाए गए। प्राथमिक उपचार किट, सर्च लाइट और रस्सियों का भी प्रदर्शन किया गया। लोगों को बताया गया कि बाढ़ के समय घरेलू सामान जैसे प्लास्टिक ड्रम, बोतल और रस्सी से भी जान बचाई जा सकती है।
एडीएम डामोर- जनसहयोग सबसे जरूरी कार्यक्रम में एडीएम अनिल डामोर, एएसपी प्रशांत चौबे और सीएसपी अतुल सिंह मौजूद रहे। नगर पालिका और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। एडीएम डामोर ने कहा कि बाढ़ के समय तुरंत कार्रवाई और जनसहयोग सबसे जरूरी है।
कार्यक्रम में एडीएम अनिल डामोर, एएसपी प्रशांत चौबे और सीएसपी अतुल सिंह मौजूद रहे।