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बाल बाल बचे संत प्रेमानंद महाराज: पदयात्रा के दौरान हो सकता था बड़ा हादसा,सेवादार और भक्तों ने समय रहते दिखाई तत्परता – Mathura News


ट्रेस को समय रहते हुए सेवादार और भक्तों ने पकड़ लिया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था

संत प्रेमानंद महाराज उस समय बाल बाल बच गए जब वह रमणरेती से अपने आश्रम केली कुंज पदयात्रा करते हुए जा रहे थे। इसी दौरान वहां हरिवंश जन्म उत्सव के अवसर पर लगवाया गया ट्रेस भीड़ के कारण गिरने लगा। ट्रेस को गिरते देख वहां मौजूद सेवादार और भक्तों ने तत्पर

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सजावट के लिए लगाए ट्रेस

गुरुवार को भगवान राधावल्लभ लाल के प्राकट्य कर्ता हरिवंश चंद्र महाप्रभु का प्राकट्य दिवस है। इस अवसर पर संत प्रेमानंद महाराज के शिष्यों द्वारा स्वागत के लिए रमणरेती से लेकर केलि कुंज आश्रम तक सजावट कराई गई है। इसके लिए बड़े बड़े लोहे के ट्रेस लगाए गए हैं। इन ट्रेस पर लाइट लगाई गई हैं।

रमणरेती इलाके में हुआ हादसा

मंगलवार बुधवार की रात से ट्रेस लगाने और सजावट करने का काम शुरू किया गया। यह काम बुधवार की दोपहर तक चला। बुधवार की सुबह जब संत प्रेमानंद महाराज वापस श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी की तरफ जाने लगे तभी केली कुंज आश्रम के बाहर लगी ट्रेस गिरने लगी। जिस पर वहां मौजूद सेवादार और भक्तों की नजर पड़ गई और उसे गिरने से पहले ही पकड़ लिया। गनीमत रही कि इस दौरान बड़ा हादसा टल गया।

केली कुंज के बाहर लगा ट्रेस गिरासू हालत में

वीडियो हुआ वायरल

ट्रेस के गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें दिखाई दे रहा है कि जैसे ही संत प्रेमानंद महाराज उस ट्रेस के समीप पहुंचे तभी वह एक तरफ गिरने लगी। लेकिन उनके साथ चल रहे सेवादार और भक्तों की नजर पड़ी और उसके कुछ झुकते ही पकड़ लिया। इसके बाद जल्दी से वहां से संत प्रेमानंद महाराज को आगे बढ़ाया गया। यह घटना सुबह करीब 9 बजे की बताई जा रही है।

पदयात्रा का समय नहीं है निर्धारित

संत प्रेमानंद महाराज की पिछले 15 दिन से पदयात्रा का समय निर्धारित नहीं है। वह कभी गाड़ी से तो कभी पैदल निकलते हैं। इसके अलावा रात में 2 बजे होने वाली पदयात्रा भी स्थगित चल रही है। कभी वह श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से कभी गाड़ी से तो कभी पैदल यात्रा करते हैं। वह सुबह करीब 4 बजे तो कभी 5 बजे निकलते हैं।



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