मंदसौर शहर के दिव्यांग दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) में 7 लाख रुपए की आधुनिक मशीनें दान की गई हैं। इन मशीनों से अब बिना ऑपरेशन के मरीजों का इलाज संभव होगा। साथ ही दिव्यांगजनों, बच्चों और अन्य जरूरतमंद मरीजों को फिजियोथेरेपी की सुविधा मिलेगी।
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बताया गया कि यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा दिव्यांग पुनर्वास केंद्र है, जहां यह मशीनें उपलब्ध हैं।
केंद्र में स्थापित की गई मशीनों में आस्टियोपैथी टेबल, मोटराइज्ड हाईलो काउच शामिल हैं। एसडब्लूडी 500, अल्ट्रासाउंड और ट्रांस क्यूटैनियस नर्व स्टिमुलेशन मशीनें भी लगाई गई हैं। इंटरपेरेंशियल थेरेपी मशीन न्यूरो और मस्कुलर पेन के इलाज में काम आएगी।
- ट्रेक्शन टेबल कमर और गर्दन की नसों के दबाव को कम करेगी। पिईएमएफ मशीन कूल्हे, घुटनों, कमर और गर्दन के दर्द में राहत देगी। वॉल माउंट स्टैंड कमर के टेढ़ेपन और कंधे की जकड़न को ठीक करेगा। क्वाडिसेप टेबल जांघ की मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने में मदद करेगी।
- गोनियोमीटर सेट जो की घुटनों के अर्थराइटिस, घुटनों की गादीयों के फटने व अन्य घुटनो के दर्द में लाभदायक है। अनवाइजिंग सिस्टम लकवा, स्पाइन कॉर्ड इंजुरी के मरीजों के बैलेंस बनाने, चलने की क्षमता को बढ़ाने में लाभदायक है। इसके साथ ही अन्य उपकरण जिसमें हैंड ग्रिप्स टूल्स, एक्सरसाइ बॉल, आईएएसजेएम टूल्स, अन्य छोटे टूल्स इत्यादि जो कसरतों में लाभदायक है।
इन साधनों और मशीनों से मरीजों को तुरंत उपचार के दौरान जल्दी आराम मिलने के साथ उन्हें शारीरिक लाभ की जल्दी प्राप्त होगा। जो मरीज अन्य शहरों में इलाज के लिए जाते थे, उन्हें अब यहीं बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
डॉक्टर लोकेंद्र चौधरी ने बताया कि 7 लाख रुपए कीमत की मॉडर्न मशीनें आई हैं। इनसे लकवा, रीड की हड्डी, कमर दर्द और गर्दन दर्द के रोगियों को राहत मिलेगी, यह कुछ ऐसी मशीन है जो प्रदेश में और किसी सरकारी केंद्र में अवेलेबल नहीं है। एक्सरसाइज के टूल्स भी समाजसेवी संस्था द्वारा हमें मिले हैं जिनसे मरीजों को काफी सहायता प्राप्त होगी।
यह मशीनें समाजसेवी प्रदीप गनेड़ीवाल ट्रस्ट की ओर से दी गई हैं।