मुझे एजेंट ने 2000 अमेरिकी डालर यानी 1.71 लाख रुपए में साइबर ठगों को बेच दिया था। काम करने से मना करने पर इलेक्ट्रिक शॉक (बिजली के झटके) देते थे। एक नेपाली लड़के ने काम करने और घर से पैसा मांगने से इनकार कर दिया तो उसकी किडनी निकाल ली गई थी। ऐसा कई ल
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ऐसा सिर्फ शुभम के साथ ही नहीं हुआ है। बिहार के 378 युवकों को विदेश में नौकरी का झांसा देकर एजेंट्स ने गोल्डन ट्राएंगल कंट्री (थाईलैंड, म्यांमार और लाओस) में बेच दिया है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लो ने भी ये बात मानी कि 378 युवक विदेश में फंसे हैं।
EOU के आंकड़ों की जब भास्कर ने पड़ताल की तो 199 युवकों की डिटेल्स मिली है, जिनको विदेशों में कैद रखा गया है। हालांकि, हम इन युवकों तक तो नहीं पहुंचे सके, लेकिन एक एंजेट तक पहुंचे, जिसने गोपालगंज के दो युवकों को म्यांमार में 7000 डालर में बेचा है।
भारतीय युवकों को बंदी बनाकर साइबर ठगी कराया जा रहा है। वहां ऑफिस में नकली थाना से लेकर ED, CBI के दफ्तर तक हैं। वीडियो शुभम ने उपलब्ध कराया है।
दोनों युवकों और उसके घरवालों ने वीडियो बनाकर भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है। प्रयागराज के मूल निवासी एजेंट नीरज कुमार यादव से हमने डील की। उससे थाईलैंड के नंबर पर बात हुई। पढ़ें, पूरी डील…
रिपोर्टर- हम सीवान से बोल रहे हैं, हमारी 6 माह पहले विदेश में जॉब को लेकर बातचीत हुई थी। तब मेरे पास पैसे काम पड़ गए थे, मुझे अब विदेश जाना है।
एजेंट – क्या काम जानते हो और किस देश में जाना चाहते हो?
रिपोर्टर – मैं साइबर कैफे में काम करता हूं। कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम कर लूंगा।
एजेंट- कंप्यूटर ऑपरेटर के लिए मेरे पास थाईलैंड में एक वैकेंसी है, वहां लगा सकता हूं।
रिपोर्टर- कितनी सैलरी मिलेगी और मेरा खर्चा कितना आयेगा?
एजेंट- 70 हजार इंडियन रुपए सैलरी मिलेगी। तुमको फ्लाइट का खर्च देना होगा, वापसी में हम फ्लाइट का टिकट देंगे।
रिपोर्टर – सर, मुझे काम क्या करना होगा?
एजेंट – एक कस्टमर केयर का काम है। स्क्रिप्ट लिखी मिलेगी। कस्टमर जैसा सवाल करेंगे, वैसे जवाब देना होगा।
रिपोर्टर- सर तो हम यहां से जायेंगे कैसे? रास्ता क्या है और पास में कितने रुपए रखने पड़ेंगे?
एजेंट- सीवान से ट्रेन का टिकट कराके दिल्ली आ जाना। फिर फ्लाइट से थाईलैंड पहुंच जाना। वहां एयरपोर्ट पर हमारा एक लड़का होगा, जो तुम्हें रिसीव कर लेगा और कंपनी तक पहुंचा देगा।
रियोर्टर- टिकट कैसे मिलेगा?
एजेंट- ओ तो खुद करानी पड़ेगी। दिल्ली से थाईलैंड की फ्लाइट के टिकट का दाम 18 हजार लगेगा और अपने पास 25 हजार तक रखना।
रिपोर्टर – सर, वीजा कब मिलेगा?
एजेंट- थाईलैंड के लिए वीजा नहीं लगता है।
रिपोर्टर- हमको थोड़ा डर लग रहा है, पहले न्यूज देखे थे कि कुछ देश में लड़के फंस गए हैं। हम भी फंस जायेंगे तब?
एजेंट- अरे भाई, हम है न! कुछ नहीं होगा। यूट्यूब पर ध्यान मत दो, वो कुछ भी डाल देते हैं। अपनी एक सेल्फ इंट्रोडक्शन का वीडियो भेजो, उसका कुछ सैंपल भेज देता हूं। फिर तुम्हारा अगले दिन इंटरव्यू होगा। सेलेक्ट होते ही तुम टिकट करा लेना और थाईलैंड आ जाना।
गोपालगंज के शुभम को कंबोडिया में इसी जगह पर रखा गया था। उसके साथ नेपाल और भारत के करीब 3000 युवक कैद थे।
कंबोडिया से लौटे युवक की जुबानी पढ़िए कैद की कहानी…
गोपालगंज के हथुआ का शुभम कुमार कंबोडिया में 3 महीने तक कैद रहा। वह कंपनी से भागकर भारतीय दूतावास पहुंचा तो उसकी जान बची।
शुभम ने बताया, ‘पिताजी की कोविड के समय मृत्यु हो गई थी। उसके बाद काम के तलाश में था। दोस्त के पिता एजेंट थे। उन्होंने कंबोडिया में कम्प्यूटर ऑपरेटर की 80 हजार रुपए सैलरी पर जॉब दिलाने का ऑफर दिया। कहा था कि जाने के लिए कोई अलग से पैसे खर्च नहीं करने है। फ्लाइट के टिकट और अपने पास कुछ खर्च के लिए पैसे रखना।’
जिस दिन फ्लाइट थी, उससे एक दिन पहले एजेंट ने कहा कि जाने से पहले कुछ पैसे लगेंगे। तब 1 लाख 20 हजार रुपए की मांग की गई। घर वाले परेशान हो गए। जैसे-तैसे करके 1 लाख 15 हजार रुपए एजेंट को दिया।
बार-बार बदलते रहे गाड़ी, फिर पहुंचा दिया कंबोडिया
शुभम ने बताया, ‘वियतनाम पहुंचे तो स्कूटी से एक लड़का पहुंचा। उसने करीब 4 घंटे तक स्कूटी चलाया और कंबोडिया के बॉर्डर के पास छोड़ दिया। वहां एक झोपड़ी जैसी जगह थी। उसमें रुकने को कहा। अगले दिन सुबह एक दूसरा लड़का पहुंचा और कार से अवैध तरीके से कंबोडिया बॉर्डर में इंटर कर करीब 7 घंटे तक कार चलाता रहा।’
अलग-अलग जगहों से और भी लड़कों को कार में बैठाया। नामपेन्ह शहर लेकर गया। वहां कंबोडिया वाला एजेंट मुन्ना सिंह मिला और अपने साथ लेकर एक झील के किनारे ले गया। वहां पहुंचने के बाद इंटरव्यू हुआ और टाइपिंग टेस्ट किया। इसके बाद अगले दिन से काम करने को कहा गया।
उसने बताया, ‘पहले कहा गया था कि कम्प्यूटर ऑपरेटर का काम है, लेकिन जब काम करना शुरू किया तो पता चला की अलग-अलग तरीके से इंडियन लोगों को डिजिटल अरेस्ट करना और ठगी करनी है। इस पूरे स्कैम को चाइनीज लोग मॉनिटर कर रहे थे।’
पैसा नहीं देने और काम करने से मना करने पर नेपाली युवक की निकाल ली किडनी।
वाशरूम जाने के लिए 1 मिनट मिलता था
वहां काफी कठोर नियम बनाए गए थे। किसी से बातचीत नहीं कर सकते थे। बातचीत करने पर 20 डॉलर (1715 भारतीय रुपए ) का फाइन लगाते थे। वाशरूम जाने के लिए 1 मिनट से ज्यादा समय नहीं मिलता था। 2 सेकंड लेट होने पर भी 20 डॉलर का फाइन लगता था। 16 घंटे से अधिक समय तक काम कराया जाता था। वहां सिर्फ भारत के 3 हजार से अधिक लड़के काम कर रहे थे।
2,000 डालर में एजेंट ने बेचा था
जब हमने वापस घर जाने की बात कही तब कंपनी के मैनेजर ने कहा कि तुम्हें एजेंट से 2,000 डॉलर (1,71,540 भारतीय रुपए) में खरीदा हूं। इतने पैसे देने के बाद वापस जाने देंगे। घर वालों ने फिर से 1 लाख रुपया दिया। पैसे लेने के बाद पासपोर्ट छीन लिया। छिपकर किसी तरह भारतीय दूतावास पहुंचे और पूरी कहानी बताई। उसके बाद वापस भारत लौट सके।
बिहार के 7 जिले सॉफ्ट टारगेट
केंद्रीय गृह मंत्रालय की इंटरनल रिपोर्ट की मानें तो विदेशी एजेंट के सॉफ्ट टारगेट पर बिहार के 7 जिले गोपालगंज, सीवान, पटना, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), पश्चिम चंपारण (बेतिया-बगहा), गया और दरभंगा है।
टूरिस्ट वीजा के नाम पर विदेश जा रहे युवा
रिपोर्ट की मानें तो बिहार के युवा दूरिस्ट वीजा के सहारे दक्षिण पूर्व एशियाई देश पहुंच रहे हैं। बिहार सरकार के गृह विभाग की इंटरनल रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी जितने युवक विदेश में फंसे हैं, उनको पर्यटक वीजा 14C पर भेजा गया था। कुछ लोगों की वतन वापसी हो गई है। बाकी लोगों के लिए प्रयास जारी है।
सभी युवकों को दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में मोटी सैलरी पर नौकरी देने का ऑफर दिया गया था। इसके बाद इनको साइबर ठगी के धंधे में चीनी लोगों के हाथों ढकेल दिया गया।
गोल्डन ट्राएंगल कंट्री जाने वाले सावधान रहें…
गोल्डन ट्रायएंगल कंट्री थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया और लाओस के जॉब ऑफर को लेकर केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने इस कैटेगरी में नीदरलैंड को भी शामिल किया है। सरकार ने कहा है कि लाओस, नीदरलैंड, कंबोडिया जैसे देश के जॉब ऑफर को एक्सेप्ट ना करें।
केंद्र ने कहा- ये नौकरी ना स्वीकार करें
केंद्र सरकार ने कहा है कि गोल्डन ट्रायएंगल स्पेशल इकोनॉमिक जोन में युवा नकली या शोषणकारी नौकरी के प्रस्ताव से सावधान रहें। जॉब के लिए जाने वाले युवकों को थाईलैंड से लाओस सीमा पर बंदी बना लिया जाता है।
- कम्प्यूटर ऑपरेटर
- डिजिटल सेल्स एंड मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव
- ग्राहक सहायता सेवा
केंद्र सरकार ने जालसाज़ कंपनियों से सावधान रहने की सलाह दी है।
ग्राफिक्सः सौरभ कुमार
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विदेश में फंसे बिहारी युवकों से जुड़ी इस खबरें पढ़िए…
पिता की डांट के बाद भागा, अब म्यांमार में कैद:खाने तक को मोहताज, मोबाइल छीना; 1.20 लाख मिलने के बाद भी छोड़ नहीं रहे
गोपालगंज के दो युवकों को नौकरी का ऑफर देकर म्यांमार में बंदी बना लिया गया है। खाने-खाने को मोहताज है। उनका मोबाइल छीन लिया गया है। सबसे गन पॉइंट पर साइबर ठगी कराई जा रही है। नहीं करने पर मारा पीटा जा रहा है।
दोनों युवकों ने किसी तरह चोरी छिपे वीडियो बनाकर घरवालों को भेजा, तब मामला सामने आया। परिवार ने गोपालगंज के डीएम को आवेदन देकर दोनों को भारत लाने की गुहार लगाई है। परिजन काफी डरे सहमे हैं कि उनके बच्चों के साथ कोई अनहोनी ना हो जाए। पूरी खबर पढ़ें