झांसी में एक गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनते अफसर।
झांसी में विकसित हो रहे बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) में आवासीय क्षेत्र नहीं लिया जाएगा। सर्वे कर आवासीय गाटों को हटाया जाएगा। यही नहीं, आवासीय क्षेत्र का और अधिक विकास किया जाएगा।
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जिन 33 गांवों में बीडा विकसित होना है, वहां के ग्रामीण ये मांग कर रहे थे। बुधवार को खैरा, राजापुर, बसाई और इमिलिया गांव में चौपाल लगाकर अफसरों ने स्थिति साफ कर दी। इस पर ग्रामीणों ने कहा कि ये अच्छा फैसला है।
समस्याओं के निराकरण के लिए चौपाल
बीडा में शामिल 33 गांवों के किसानों की समस्याओं के निराकरण करने के लिए अफसर गांवों में ही चौपाल लगाएंगे। बुधवार को इसकी शुरूआत हुई। एसडीएम सदर देवयानी और एसडीएम न्यायिक परमानन्द ने खैरा, राजापुर, बसाई और इमिलिया गांव में चौपाल लगाई।
इस दौरान किसानों से वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, राशनकार्ड, पेयजलापूर्ति आदि से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की। इस दौरान राजस्व विभाग से संबंधित विरासत के मामलों की जानकारी ली और जिनकी विरासत दर्ज नहीं पाई गई। तत्काल दर्ज कराई गई।
विवादित मामलों का सर्वे होगा
बीडा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने किसानों से कहा कि जिन गांवों के गाटा नंबर अधिग्रहण के संबंध में विज्ञप्ति प्रकाशित हुई है, उनमें अगर आबादी विकसित है तो सर्वे कराकर उन नम्बर्स को अधिग्रहण से हटा दिया जाएगा।
बीडा में आवासीय क्षेत्र नहीं लिया जाएगा। बल्कि आवासीय क्षेत्र को और बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने परिसम्पत्तियों के विवादित मामलों का सर्वे कराकर सूची तैयार कराने की जानकारी भी दी।