धनबाद, 06 मई 2025:झारखंड की कोयला खदानों के काले धुएँ से निकलने वाली एक रौशनी ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान बनाई है। पाठशाला एजुकेशनल ट्रस्ट और इसके संस्थापक देव कुमार वर्मा की प्रेरणादायक कहानी को ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित रेडियो स्टेशन SBS ने कवर किया है और इसे अपनी अंतरराष्ट्रीय श्रोताओं के बीच प्रसारित किया।
देव कुमार वर्मा की यह कहानी उन बच्चों की है जो कभी कोयला खदानों में काम करने के लिए मजबूर थे। वर्मा ने न केवल इन बच्चों को खदानों की अंधेरी दुनिया से बाहर निकाला, बल्कि उन्हें निःशुल्क, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था भी की। ‘पाठशाला’ नामक इस मिशन ने शिक्षा का प्रसार किया और बच्चों के जीवन को संवारने की दिशा में एक अहम कदम उठाया।
एसबीएस हिंदी पर प्रकाशित इस ऑडियो स्टोरी में यह बताया गया है कि कैसे एक व्यक्ति का दृढ़ संकल्प पूरी समुदाय की तकदीर को बदल सकता है। देव कुमार वर्मा का सपना है कि कोई भी बच्चा मजदूरी के लिए न जाए, बल्कि वह स्कूल में पढ़ाई करने के लिए जाए।यह उपलब्धि सिर्फ धनबाद की सामाजिक पहल को ही सम्मान नहीं देती, बल्कि यह दर्शाती है कि छोटे कस्बों से उठने वाली आवाजें भी वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं।
देव कुमार वर्मा का संदेश:”कोयले की धूल से निकलकर अगर कोई बच्चा कलम पकड़ लेता है, तो वही असली क्रांति है। पाठशाला सिर्फ एक स्कूल नहीं है, यह एक अवसर है, जो बच्चों को उनके सपनों को जीने का मौका देता है।”