बेतवा उद्गम स्थल झिरी से पौधरोपण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत हुई है।
बेतवा नदी के उद्गम स्थल झिरी को पुनर्जीवित करने के लिए 15 जून से सघन पौधरोपण अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई। यह अभियान 15 जुलाई तक जारी रहेगा। इसके पहले 25 से 31 मई तक पहले चरण के तहत क्षेत्र में श्रमदान से 55 चैक डैम बनाए गए थे।
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बेतवा संरक्षण के इस जन अभियान में भोपाल और विदिशा के प्रकृति और पर्यावरण प्रेमियों के साथ पर्यावरण को समर्पित संस्थाएं जुड़ी हैं। जिनमें भोपाल की युवा फाउंडेशन और एनजीओ पाठशाला प्रमुख हैं।
अभियान के संयोजक डॉ. आरके पालीवाल आईआरएस और गांधी विचारक डॉ. सुरेश गर्ग ने बेतवा उद्गम स्थल के पुजारी को बेतवा उद्गम मंदिर वाटिका के लिए सीताफल का पौधा भेंट कर अभियान की शुरुआत की। इसके बाद झिरी गांव के जिन परिवारों ने पौधारोपण के लिए गड्ढे तैयार कर लिए थे उन्हें प्रति परिवार 10 फलों के उत्तम गुणवत्ता के पौधे दिए गए। जिनमें आम, अमरूद, नींबू और कटहल के पौधे शामिल हैं।
अभियान में बच्चों ने भी सहभागिता की।
सुरक्षा का संकल्प लो, मिलेंगे 10 पौधे बेतवा समूह ने झिरी गांव के हर उस परिवार को दस फलदार पौधे देने की योजना बनाई है जो इन पौधों की सुरक्षा का संकल्प लेगा। झिरी क्षेत्र में फलों के पौधों से न केवल किसान परिवारों की आय बढ़ेगी बल्कि वे ज्यादा पानी की खपत वाली गेहूं और मूंग की फसल छोड़कर जल संरक्षण करने वाली बागवानी की तरफ अग्रसर होंगे।
इससे बेतवा का जल स्तर बढ़ेगा और बेतवा उद्गम स्थल पुनर्जीवित हो सकेगा। इस जन अभियान में एक परिवार के लिए 1100 रुपए के 10 स्वस्थ फलदार भेंट कर कोई भी नागरिक सहभागिता कर सकता है।
बेतवा उद्गम स्थल के पुजारी को मंदिर वाटिका के लिए सीताफल का पौधा भेंट किया गया।
चंबल, केन और पार्वती के भी उद्गम खतरे में डॉ. आरके पालीवाल ने बताया कि बेतवा समूह से जुड़ी सभी संस्थाएं बेतवा नदी के उद्गम स्थल को पुनर्जीवित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन मध्य प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग नदियों को बचाने के लिए कोई विशेष कार्य नहीं कर रहे हैं। यह केवल बेतवा नदी के अस्तित्व का प्रश्न नहीं है बल्कि मध्य प्रदेश की अन्य नदियों, यथा चंबल, केन और पार्वती आदि के उद्गम स्थल भी खतरे में आ गए हैं।
आयोजन में ग्राम सेवा समिति भोपाल और गांधी सुमिरन मंच विदिशा के पदाधिकारियों के अलावा विदिशा के प्रो. अरविंद द्विवेदी, दैनिक भास्कर समूह से अमन नम्र, युवा फाउंडेशन भोपाल से परीक्षित सिंह और एनजीओ पाठशाला से डॉ. परशुराम तिवारी के साथ झिरी के ग्रामवासियों की उपस्थिति रही।
अभियान के दूसरे चरण में पर्यावरण प्रेमियों ने सहभागिता की।