बेतिया से लेकर चखनी गांव तक फैला चंपारण तटबंध से जुड़ा पीड़ी रिंग बांध बैरिया के नीतीश नगर के समीप सोमवार की देर रात ध्वस्त हो गया है। इससे चार पंचायतों के साथ लगभग दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बांध टूटने के कारण आसपास के क्षेत्रो
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हालांकि बांध ध्वस्त होने के बाद प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा खतरा उन गांवों पर है जो सीधे नदी के किनारे स्थित हैं। ग्रामीणों को अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है।
बांध टूटने की सूचना के बाद पहुंचे लोग।
इन क्षेत्र में बाढ़ का खतरा
बांध टूटने से रनहा, पखनहा, मलाही, घोड़ईया, सुर्यपुर सहित चार पंचायतों के करीब दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ जाने की संभावना जताई जा रही है। इन गांवों में पानी तेजी से घुस रहा है, जिससे कृषि भूमि और घरों को भारी नुकसान हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि बांध की मरम्मत और मजबूत करने के कार्यों में लापरवाही बरती गई थी।
जिससे यह घटना घटी है। पहले भी बांध की कमजोर स्थिति को लेकर चेतावनी दी गई थी। लेकिन समय पर कदम नहीं उठाए गए। हालांकि घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। नावों और अन्य आपातकालीन साधनों की व्यवस्था की जा रही है ताकि समय पढ़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी तरह की अफवाहों से बचें।