कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं, जहां वे पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की सूची सौंपेंगे। साथ ही, प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए फैसलों पर अंतिम मुहर भी लगेगी। जिसमें पूर्व विधायक कुलदीप जूनेजा पर कार्रवाई की
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इसके अलावा बैज हाल ही में हुई चुनावी हार के कारणों पर रिपोर्ट भी देंगे। नई नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा होगी, जिससे यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है।
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज दिल्ली दौरे पर हैं।
कुलदीप जुनेजा पर मंडरा रहा खतरा
रायपुर उत्तर के पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा के खिलाफ कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से कार्रवाई करने का फैसला लिया है।
अब इस पर अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान लेगा। यह विवाद तब शुरू हुआ जब जुनेजा ने सार्वजनिक रूप से दीपक बैज के खिलाफ बयान दिया।
जुनेजा को जारी किया गया शो-कॉज नोटिस
क्यों घिरे कुलदीप जुनेजा?
कुलदीप जुनेजा लगातार बागियों की वापसी का विरोध कर रहे थे, खासकर अजीत कुकरेजा की। इसके अलावा, उन्होंने दीपक बैज की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए। जुनेजा ने कहा था -नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस नहीं, बल्कि हमारे मौजूदा संगठन की हार हुई है।
चार चुनाव हारने के बाद अगर कोई इस्तीफा मांगे, तो यह शर्म की बात है। नैतिकता नाम की भी कोई चीज होती है, दीपक बैज को नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।”
जुनेजा ने आरोप लगाया कि दीपक बैज प्रदेश में संगठन पर पकड़ नहीं बना पाए और उनकी कार्यशैली से कोई संतुष्ट नहीं है। उन्होंने पार्टी में टिकट वितरण में गड़बड़ी की भी जांच की मांग की। हांलाकि इस बयान से वे बाद में पटल भी गए थे।
प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया था कार्रवाई का फैसला
जुनेजा को मिला था शो-कॉज नोटिस
पीसीसी ने कुलदीप जुनेजा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, क्योंकि वे पार्टी के आंतरिक मामलों को सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर उठाते रहे।
नोटिस की मुख्य तौर पर इस बात का उल्लेख था कि जुनेजा के बयानों से पार्टी की छवि को नुकसान हुआ।पार्टी के पास आंतरिक चर्चा के लिए मंच उपलब्ध हैं, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से बयानबाजी की। 3 दिनों के भीतर जवाब नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।
संगठन में बदलाव को लेकर भी होगी चर्चा
इस दौरे में संगठन में बड़े बदलाव और नई नियुक्तियों को लेकर चर्चा होगी, जिससे ये दौरा कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। खासकर, बागी नेताओं और पार्टी विरोधी बयानबाजी करने वालों पर कार्रवाई होगी या उन्हें जीवनदान मिलेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।