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भाजपा नेता बोले- 75 साल में रिटायरमेंट का नियम नहीं: PM मोदी का कार्यकाल देश की जनता तय करती है, शिवसेना सांसद संजय राउत नहीं


मुंबई19 मिनट पहले

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महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने संजय राउत को कहा- पीएम मोदी के नेतृत्व में ही 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प साकार होगा।

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को बोला कि पार्टी में 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट का कोई नियम नहीं है। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी का कार्यकाल देश की जनता तय करेगी।

दरअसल बावनकुले ने यह प्रतिक्रिया शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत के बयान पर दिया, जिसे बीजेपी ने पॉलिटिकल स्टंट बताया।

बावनकुले ने पीएम मोदी के रिटायरमेंट बयान पर क्या-क्या कहा?

  • बीजेपी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि मोदी को 75 साल की उम्र के बाद राजनीति से संन्यास लेना चाहिए, न ही ऐसा कोई निर्णय लिया गया है।
  • भारतीय संविधान में भी ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्रियों में अटल बिहारी वाजपेयी ने 79 साल की उम्र तक, मोरारजी देसाई ने 83 साल की उम्र तक, और डॉ. मनमोहन सिंह ने 81 साल की उम्र तक पद संभाला था।

फडणवीस बोले- मोदी जी हमारे नेता हैं, वे पद पर बने रहेंगे

राउत के बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा- पीएम मोदी अभी कई साल तक देश का नेतृत्व करते रहेंगे। नागपुर में मीडिया से बात करते हुए फडणवीस ने कहा- 2029 में हम मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखेंगे।

वे हमारे नेता हैं और वे पद पर बने रहेंगे। नेता के सक्रिय रहते हुए उत्तराधिकार पर चर्चा करना सही नहीं है। हमारी संस्कृति में जब पिता जीवित हो तो उत्तराधिकार के बारे में बात करना अनुचित है। यह मुगल संस्कृति है। इस पर चर्चा करने का समय नहीं आया है।

बीजेपी में राज्य और मण्डल स्तर पर उम्र की सीमाएं लागू हैं

भाजपा के भीतर एक निश्चित उम्र तक पद पर बने रहने को लेकर कोई आधिकारिक नियम नहीं है। हालांकि, कुछ स्तरों पर उम्र सीमाएं लागू की गई हैं। उदाहरण के लिए, छत्तीसगढ़ भाजपा ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 35 से 45 साल और जिला अध्यक्ष पद के लिए 45 से 60 साल की उम्र सीमा निर्धारित की है।

वहीं भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 75 साल से अधिक उम्र के कई वरिष्ठ नेताओं को टिकट नहीं दिया था। इसमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुमित्रा महाजन, कलराज मिश्र, जैसे कई नेता शामिल थे।

भाजपा ने 75 साल की उम्र पर कई नेता रिटायर किए 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में 75 साल की उम्र से ज्यादा के नेताओं को रिटायर करने का ट्रेंड शुरू। पहली बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में इससे कम उम्र के नेताओं को ही जगह दी थी।

लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया गया। 2016 में जब गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया तो उस समय उनकी उम्र भी 75 साल थी। उसी साल नजमा हेपतुल्लाह ने भी मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दिया, जिनकी उम्र 76 साल थी।

2019 लोकसभा चुनाव से पहले तब के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा- 75 साल से ऊपर के किसी भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया है। यह पार्टी का फैसला है। उस चुनाव में सुमित्रा महाजन और हुकुमदेव नारायण यादव जैसे नेताओं को टिकट नहीं दिया गया।

इसी तरह 2024 लोकसभा चुनाव में राजेंद्र अग्रवाल, संतोष गंगवार, सत्यदेव पचौरी, रीता बहुगुणा जोशी का टिकट 75 साल से ज्यादा उम्र की वजह से काट दिया गया।

मार्च, 2023 में भाजपा के एक कार्यक्रम में PM मोदी के साथ दीप जलाते मार्गदर्शक मंडल में शामिल वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी। 2019 लोकसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया था।

मोदी पर 75 साल का बैरियर लागू नहीं होगा लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी के रिटायरमेंट को लेकर खूब बयानबाजी हुई थी। मई, 2024 में अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर भाजप लोकसभा चुनाव जीत गई तो मोदी अगले साल तक ही प्रधानमंत्री रहेंगे। PM मोदी ने खुद यह नियम (75 साल की उम्र में रिटायरमेंट) बनाया है।

उसी दिन गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मोदी जी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे। मोदी जी आने वाले चुनावों में भी नेतृत्व करेंगे।’

इसी तरह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि भाजपा के संविधान में कहीं भी आयु को लेकर ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। अगले 5 साल के कार्यकाल में मोदी जी देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। मोदी जी हमारे नेता हैं। भविष्य में भी हमारा नेतृत्व करते रहेंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं BJP का वरिष्ठ नेता होने के नाते ये कहना चाहता हूं कि 2024 में भी वो (नरेंद्र मोदी) भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। 2029 में भी वो भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे।’

जोशी बोले- मोदी और RSS में मतभेद नहीं RSS के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने सोमवार को RSS और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मतभेद की खबरों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह सब मीडिया की देन है। मोदी कई महान काम कर रहे हैं और उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं।

मोदी के रिटायरमेंट प्लान पर जोशी ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। दरअसल, बीते कुछ महीनों से संघ प्रमुख मोहन भागवत और अन्य RSS नेताओं के बयानों के चलते पीएम मोदी और संघ के रिश्तों में खटास की अटकलें लगाई जा रही हैं।

दिसंबर, 2024 में भागवत ने पुणे के एक कार्यक्रम में कहा था, ‘मणिपुर एक साल से त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर विचार करना कर्तव्य है। जो कर्तव्य का पालन करते हुए मर्यादा की सीमा में रहता है, ऐसा व्यक्ति वास्तव में सेवक कहलाने का हकदार है।’

नड्डा बोले थे- पहले RSS की जरूरत थी, आज BJP सक्षम 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया था। 19 मई, 2024 के इस इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि RSS सांस्कृतिक संगठन है, जबकि BJP राजनीतिक संगठन है। शुरुआत में हम कम सक्षम और छोटे थे। उस समय हमें RSS की जरूरत थी। आज हम बड़े हो गए हैं और हम सक्षम है। सक्षम हैं तो BJP अपने आप को चलाती है।

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प्रधानमंत्री बनने के बाद 11 सालों में पहली बार नरेंद्र मोदी ने RSS हेडक्वार्टर में कदम रखा। 30 मार्च को नागपुर पहुंचे मोदी अपने 34 मिनट के भाषण में करीब आधा वक्त RSS की तारीफ करते रहे। करीब 66 साल पहले संघ से जुड़े मोदी समय के साथ एक-दूसरे के पूरक बनकर उभरे हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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