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भाजपा ने मनाया संविधान हत्या दिवस: साय ने कहा- आपातकाल के दौरान जो जेल में रहे उनके घरों में चूल्हा तक नहीं जलता था – Raipur News



मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि लोकतंत्र की हत्या के उस काले दिन को हमारी भावी पीढ़ी भी जाने, समझे और उससे सीख ले। आपातकाल के दौर को याद करते हुए भावुक हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह कालखंड उनके जीवन से गहराई से जुड़ा है। यह उनके लिए मात्र एक घटन

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उन्होंने बताया कि उनके बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय आपातकाल के दौरान 19 माह तक जेल में रहे। उस समय लोकतंत्र सेनानियों के घरों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। कई बार घर में चूल्हा तक नहीं जलता था। इस दौरान साय ने लोकतंत्र सेनानी परिवारों के सदस्यों से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया तथा शॉल, श्रीफल एवं प्रतीक चिन्ह भेंट किए।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि उस समय देश को एक खुली जेल में बदल दिया गया था, जिसमें भय और आतंक का वातावरण था। एक लाख से अधिक लोगों को बिना न्यायिक प्रक्रिया के जेलों में बंद कर दिया गया और उन्हें यातनाएं दी गईं। यह केवल राजनीतिक दमन का दौर नहीं था, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक चेतना को समाप्त करने का सुनियोजित प्रयास था।

भास्कर एक्सप्लेनर- पहले केंद्रीय मंत्री तक बनाए जाते थे

प्रदेश में आपातकाल के दौरान जेलों में बंद रहे मीसाबंदियों का गुरुवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सीएम हाउस में सम्मान करेंगे। पड़ोसी मध्यप्रदेश की तुलना में राज्य में मीसाबंदियों को कम सुविधाएं मिल रही है। आपातकाल खत्म होने पर 1980 में जब देश में जनता पार्टी की सरकार बनी तब छत्तीसगढ़ से की लोगों को केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला।

कुछ लोग विधायक भी बने। अब उनको राजनीतिक ओहदों से नवाजने का काम सिमट गया है। केवल प्रदेश कार्यसमिति में जगह मिली है। जनता पार्टी सरकार में प्रदेश से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सांसदों पुरुषोत्तम लाल कौशिक, बृजलाल वर्मा, लरंग साय, नरहरि साय को केंद्रीय मंत्री बनने का असर मिला था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री साय वर्तमान सीएम विष्णुदेव साय के बड़े पिता जी (ताऊ) थे। इनके अलावा स्व बलीराम कश्यप को मध्यप्रदेश सरकार में ट्राइबल मंत्री बनाया गया था। अब उनके बेटे केदार कश्यप यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मोहन जैन दुर्ग, मदन लाल तिवारी राजनांदगांव और स्व बलीराम बस्तर से सांसद रहे।

रजनी ताई उपासने रायपुर, दीप डांगे भिलाई, विद्याभूषण ठाकुर डोंगरगढ़, चैतराम साहू आरंग, पुनीतराम साहू राजिम, वीरेंद्र पांडेय जगदलपुर, और रमेश अग्रवाल खल्लारी से विधायक बने थे। पांडेय राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष भी थे। इनके अलावा बद्रीधर दीवान दो बार विधायक बने।

फिर वे छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रहे। मीसाबंदी श्रीगोपाल व्यास को राज्यसभा सांसद बनाकर इज्जत बख्शी गई। अविभाजित मध्यप्रदेश में लखीराम अग्रवाल विधायक व मंत्री व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे। वे विधायक व पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के पिता थे।

आपातकाल ने बेटों को माता-पिता की चिता को अग्नि देने तक नहीं दिया: साव उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा है कि कांग्रेस के आपातकाल लगाकर लोकतंत्र के साथ सबसे बड़ा विश्वासघात किया था। आज भी अपने किए पर पछतावे की बजाय उसी मानसिकता के साथ आगे बढ़ रही है। कांग्रेस ने लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा। जेलों में बंद लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार में शामिल होने तक की अनुमति नहीं दी गई और इन लोगों में वर्तमान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक शामिल थे।

मोदी राज में पिछले 11 साल से लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है: भूपेश कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा किस मुंह से आपातकाल के विरोध में काला दिवस मना रही है। बीते 11 साल से देश में अघोषित आपातकाल चल रहा है। लोकतंत्र का गला घोटा जा रहा हैं। भाजपा ने विपक्षी नेतृत्व वाली राज्य सरकारों को गिराने के लिए धनबल का इस्तेमाल किया। ये सब विधायकों की खरीद-फरोख्त के जरिए किया गया है।



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