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भूपेंद्र हुड्‌डा नहीं बनेंगे नेता प्रतिपक्ष: अशोक अरोड़ा और चंद्रमोहन के नाम पर विचार, कांग्रेस प्रवक्ता का दावा- अरोड़ा को सौंपी जा सकती है जिम्मेदारी – Chandigarh News


हरियाणा में विधानसभा सत्र 13 नवंबर से शुरू हो रहा है। ऐसे में प्रमुख विपक्षी दल की ओर से अभी तक किसी नेता का नाम नेता प्रतिपक्ष की ओर से फाइनल नहीं किया गया है। ऐसे में कांग्रेस के सामने चुनौती विधायक दल का नेता चुनने की है ताकि नेता प्रतिपक्ष बनाया

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हालांकि आज कांग्रेस प्रवक्ता बालमुकुंद ने यह कहकर हैरान कर दिया है कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा का नाम नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के लिए केवल दो नामों पर ही विचार चल रहा है। इसमें पहला नाम अशोक अरोड़ा है और दूसरा नाम पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन बिश्नोई का है।

कांग्रेस प्रवक्ता बालमुकुंद का कहना है कि अशोक अरोड़ा को जल्द कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन सकती है। वहीं इस बारे में कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि उनको किसी पद की कोई लालसा नहीं है और पार्टी जो जिम्मेदारी देगी वह उसे निभाएंगे।

बता दें कि हरियाणा में विधानसभा सत्र की तारीखों की घोषणा होते ही कांग्रेस पर दबाब है कि उसे जल्द नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए। विधानसभा बैठक में हिस्सा लेने से पहले स्पीकर को भी बताना पड़ता है कि विधायक दल के नेता कौन हैं। तभी नेता प्रतिपक्ष का पद दिया जाता है।

20 साल में पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुनने में इतना लंबा समय

हरियाणा में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम जारी हुए थे और 17 अक्टूबर को हरियाणा सरकार का गठन हुआ था। इतने दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। 20 साल में ऐसा पहली बार हो रहा कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। 2009 में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई थी। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव परिणाम के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे।

नेता चुनने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्तूबर को 4 पर्यवेक्षक भेजे थे, लेकिन विधायक दल की बैठक में हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया गया। इसके बाद से कांग्रेस हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है।

हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान

2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्‌ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं।

हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।



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