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भूलकर भी घर में शीशा लगाते समय न करें ये गलती, वरना बन जाएगा…तनाव, झगड़े और धन हानि का कारण


Vastu Direction For Mirror: घर की सजावट में शीशे यानी दर्पण का इस्तेमाल आम बात है. लोग इसे दीवारों पर लगाकर घर को बड़ा और खूबसूरत दिखाने की कोशिश करते हैं. कई बार डिजाइनिंग के लिए महंगे और स्टाइलिश मिरर भी लगाए जाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि दर्पण का वास्तुशास्त्र में भी खास महत्व है. यह सिर्फ एक सजावटी चीज नहीं है, बल्कि ऊर्जा का स्रोत और वाहक भी होता है. दर्पण अगर सही दिशा और स्थान पर लगाया जाए, तो यह घर में सुख, शांति और समृद्धि ला सकता है. लेकिन यदि इसे गलत जगह लगा दिया गया, तो यह परेशानी, तनाव, झगड़े और धन हानि तक का कारण बन सकता है. इसलिए दर्पण लगाते समय उसकी दिशा और स्थिति पर विशेष ध्यान देना चाहिए. इस बारे में बता रहे हैं ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री धर्मेंद्र दीक्षित.

1. बेड के सामने दर्पण लगाना सही नहीं होता
बेडरूम एक ऐसी जगह होती है जहां हम दिनभर की थकान के बाद शांति और आराम की उम्मीद करते हैं. अगर आपने अपने बेड के ठीक सामने दर्पण लगा रखा है, तो यह आपकी ऊर्जा को रिफ्लेक्ट करता है. जब आप सोते हैं, तो शरीर की ऊर्जा शांत होती है, लेकिन दर्पण इसे वापस लौटा देता है, जिससे नींद टूटती है, दिमाग अशांत रहता है और सुबह थका हुआ महसूस होता है. यह धीरे-धीरे मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन और रिश्तों में दूरी का कारण बनता है. खासतौर पर दंपती के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है. इसलिए कोशिश करें कि बेड के सामने दीवार बिल्कुल खाली हो या वहां पर पर्दा डाल दिया जाए.

2. आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में दर्पण से बचें
वास्तु के अनुसार दक्षिण-पूर्व दिशा को अग्नि तत्व से जोड़ा जाता है. यह दिशा ऊर्जा, जोश और निर्णय की शक्ति का प्रतीक होती है. अगर इस स्थान पर शीशा लगा दिया जाए, तो वह ऊर्जा को उलझा देता है. इससे घर में बार-बार झगड़े, मतभेद और छोटे-छोटे विवाद होने लगते हैं. काम में रुकावटें आती हैं और पैसे की तंगी बनी रहती है. इस दिशा में दर्पण लगाने से घर का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है. खासतौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य और दांपत्य जीवन पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है.

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3. टूटा या खंडित दर्पण दुर्भाग्य का संकेत है
अगर घर में कहीं भी टूटा हुआ या दरार पड़ा दर्पण है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए. टूटा हुआ दर्पण नकारात्मकता फैलाता है और दुर्भाग्य को बुलावा देता है. ऐसे दर्पण से मानसिक तनाव, नींद की दिक्कत, और लगातार छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसे रखने से घर की सकारात्मक ऊर्जा धीरे-धीरे खत्म हो जाती है. पुराने, धुंधले या खराब हो चुके दर्पण को भी समय रहते बदल देना चाहिए.

4. मुख्य द्वार पर शीशा लगाने से बचें
घर के मुख्य दरवाजे को वास्तुशास्त्र में बहुत पवित्र और ऊर्जावान माना गया है. यह वह स्थान है जहां से घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है. यदि आप दरवाजे पर या उसके बिल्कुल सामने दर्पण लगा देते हैं, तो वह आने वाली ऊर्जा को लौटा देता है. इससे घर में मानसिक अशांति, आर्थिक संकट और परिवार में झगड़े हो सकते हैं. व्यापारियों को खासतौर पर यह ध्यान रखना चाहिए कि दुकान या ऑफिस के प्रवेश द्वार पर दर्पण न लगे, वरना ग्राहक कम आते हैं और नुकसान हो सकता है.

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5. उत्तर-पूर्व दिशा में दर्पण लगाना शुभ होता है
उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु में ईशान कोण कहा गया है और यह सबसे पवित्र दिशा मानी जाती है. इस दिशा में दर्पण लगाना लाभकारी होता है. यह घर में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है और पॉजिटिव वाइब्स बढ़ाता है. अगर व्यापारिक स्थल पर इस दिशा में दर्पण इस तरह लगाया जाए कि उसमें कैश काउंटर या तिजोरी दिखाई दे, तो धन में वृद्धि होती है. घर में भी यह दिशा मानसिक शांति, रिश्तों में मिठास और निर्णय क्षमता को मजबूत करती है.



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